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अंगदान के लिए अस्पताल वन नेशन वन पॉलिसी का पालन करें : डॉ. अनिल

08:13 AM May 05, 2024 IST
पीजीआई चंडीगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में नोटो के निदेशक डॉ. अनिल कुमार, पीजीआई के डायरेक्टर डॉ. विवेक लाल और चिकित्सा अधीक्षक प्रो. विपिन कौशल।
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चंडीगढ़, 4 मई (ट्रिन्यू)
पीजीआई चंडीगढ़ ने लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करने का जिम्मा उठाया है। इसको लेकर पीजीआई ने मंथन 2024 कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण (नोटो) के निदेशक डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि उत्तर भारत में अंगदान की कमी है, क्योंकि यहां अंगदान की अवधारणा देरी से आई जबकि दक्षिण और पश्चिम भारत में अंगदान सबसे ज्यादा हो रहा है। इस असंतुलन को ठीक करने के लिए भारत सरकार ने अंगदान को लेकर एक नेटवर्क बना दिया है, जिससे अंगदान की पूरी प्रक्रिया एक रजिस्ट्री से जुड़ गई है। आयोजित कार्यक्शाला में जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड और उत्तरी राज्यों सहित पूरे क्षेत्र के अस्पतालों से 150 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। डॉ. अनिल ने बताया कि अंगदान के लिए बनाई गई रजिस्ट्री से नोटो, रोटो और सोटो सभी जुड़ गए हैं। इससे देश में अंगदान और प्रत्यारोपण करने वाले 854 अस्पतालों को जोड़ दिया गया है। इसे बनाने का मुख्य उद्देश्य अंगदान के लिए मरीज को चिह्नित करने के साथ उनके ब्लड ग्रुप व आवश्यक अंग संबंधी जानकारी और मैचिंग से जुड़े हर बिंदु पर पूरी जानकारी एकत्र की गई है क्योंकि अंगदान के लिए यह जरूरी है कि हमारे पास उसे प्राप्त करने वाला मरीज हो। उन मरीजों का विस्तृत ब्योरा हो, जिन्हें अंग की जरूरत है ताकि प्राप्त अंग का समय पर उपयोग किया जा सके। डॉ. अनिल ने बताया कि अंगदान अभियान की सफलता के लिए व्यापक स्तर पर कार्य किया जा रहे हैं लेकिन सबसे जरूरी यह है कि इससे जुड़े सभी अस्पताल वन नेशन वन पॉलिसी का पालन सुनिश्चित करें। मौजूदा समय में 5 क्षेत्रीय और 21 राज्य स्तर पर संगठन काम कर रहा है।
अंगदान बढ़ाने के लिए सहयोग करें : डॉ. विवेक लाल
पीजीआई निदेशक प्रो. विवेक लाल ने अंगदान दरों को बढ़ाने के लिए सहयोग और ज्ञान साझा करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि दान की दर उतनी उन्नत नहीं हो सकती जितनी हम चाहते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि अंगदान को बढ़ाने के लिए हम एक-दूसरे तक पहुंचें, सहयोग करें और एक-दूसरे की सर्वोत्तम प्रथाओं को दोहराएं। कार्यक्रम में पीजीआई के चिकित्सा अधीक्षक व रोटो के नोडल अधिकारी प्रो. विपिन कौशल ने कहा कि स्वेच्छिक मृतक अंगदान की संस्कृति बनाने के लिए सरकार, स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों, समुदाय और गैर सरकारी संगठनों के एकीकृत समन्वित और निरंतर प्रयास की आवश्यकता है। कार्यक्रम में एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह, जीएमसीएच 32 के डायरेक्टर प्रिंसिपल प्रो. एके अत्रि, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक डॉ. अमरजीत कौर ने भी विचार व्यक्त किये।

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