घुड़सवारी टीम ने जीता ऐतिहासिक स्वर्ण
हांगझोउ, 26 सितंबर (एजेंसी)
भारत ने मंगलवार को यहां एशियाई खेलों के तीसरे दिन घुड़सवारी प्रतियोगिता में टीम ड्रेसेज स्पर्धा में शीर्ष पर रहकर ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीता। खेल के इतिहास में देश का इस स्पर्धा में यह पहला और घुड़सवारी में दूसरा गोल्ड है। भारत ने कांस्य पदक के रूप में ड्रेसेज में पिछला पदक 1986 में जीता था, जबकि घुड़सवारी में पिछला स्वर्ण पदक नयी दिल्ली में 1982 में हुए एशियाई खेलों में हासिल किया था।
इस बार दिव्यकीर्ति सिंह, हृदय विपुल छेडा और अनुष ने कुल 209.205 प्रतिशत अंक के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया। वे क्रमश: एड्रेनेलिन फिरफोड, चेमक्सप्रो एमरेल्ड और एट्रो पर सवार थे। सुदीप्ति हजेला भी टीम का हिस्सा थीं, लेकिन सिर्फ शीर्ष तीन खिलाड़ियों के स्कोर गिने जाते हैं।
चीन की टीम 204.882 प्रतिशत अंक के साथ दूसरे स्थान पर रही, जबकि हांगकांग ने 204.852 प्रतिशत अंक के साथ कांस्य पदक हासिल किया।
ड्रेसेज स्पर्धा में घोड़े और राइडर के प्रदर्शन को कई मूवमेंट पर परखा जाता है। प्रत्येक मूवमेंट पर 10 में से अंक (शून्य से 10 तक) मिलते हैं। प्रत्येक राइडर का कुल स्कोर होता है और वहां से प्रतिशत निकाला जाता है। सबसे अधिक प्रतिशत वाला राइडर अपने वर्ग का विजेता होता है। टीम वर्ग में शीर्ष तीन राइडर के स्कोर को टीम के स्कोर में शामिल किया जाता है।
नागल, अंकिता क्वार्टर फाइनल में पहुंचे
भारतीय टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल को दमदार सर्विस लगाने वाले बीबिट जुकायेव की चुनौती से पार पाने के लिए पसीना बहाना पड़ा, जबकि अंकिता रैना ने आसानी से आदित्या पी करुणारत्ने को मात देकर मंगलवार को यहां एशियाई खेलों के क्वार्टर फाइनल में जगह पक्की की। ये दोनों खिलाड़ी अगर क्वार्टर फाइनल मुकाबला जीतने में सफल रहे तो उनका पदक पक्का हो जायेगा। अन्य मैचों में क्रमश: रामकुमार रामनाथन और रुतुजा भोसले को हार का सामना करना पड़ा।
शानदार शुरुआत के बाद हारीं भवानी
भारत की स्टार तलवारबाज भवानी देवी ने एशियाई खेलों में महिलाओं की साबरे स्पर्धा में शानदार शुरुआत की, लेकिन क्वार्टर फाइनल में चीन की याकी शाओ से 7-15 से हार गईं। ओलंपियन भवानी देवी ने क्वार्टर फाइनल के पहले चरण में अच्छी शुरुआत की। उनकी चीनी प्रतिद्वंद्वी ने हालांकि तीन के मुकाबले सात टच के जरिये 8-3 की बढ़त बना ली। दूसरे चरण में भवानी ने चार बार और उसे छुआ, लेकिन वह नाकाफी था। भवानी अपने पूल में शीर्ष पर रहकर प्री क्वार्टर फाइनल में पहुंची थीं।