एक्टिंग की पाठशाला से जीवन संवारने की उम्मीद
प्रदीप साहू/हप्र
चरखी दादरी, 10 जून
मुन्ना माइकल नाम है मेरा... तीन बत्ती में किसी से भी पूछेगा ना... तो हाथ पकड़कर घर में छोड़ेगा...। मुन्ना माइकल मूवी में टाइगर श्राफ का यहीं डॉयलाग आज स्लीम बस्ती के बच्चों की जुबान पर आने लगा है। रंगकर्मी संजय रामफल ने स्लम एरिया में प्रतिभाओं को तराशने के लिए थियेटर की क्लास लगाई और इस दौरान बच्चे अपना टैलेंट दिखाते रहे।
शाम होते ही स्लम एरिया में रंगकर्मी संजय रामफल की फिल्मी कैरिअर को लेकर क्लास शुरू हो जाती है। संजय रामफल बताते हैं कि खुशियों की दीवार में खुशरंग थिएटर ग्रुप की ओर से स्लम एरिया के बच्चों को एक्टिंग के गुर सिखाएं जा रहे हैं। बच्चों को डांस सीखाने के अलावा थियेटर में कैरिअर बनाने के लिए प्रेरित किया जाता है और उनकी वर्कशाप लगाई जा
रही है।
कोई डांसर तो कोई बनना चाहता है एक्टर
क्लास में संजय रामफल बच्चों को बैड टच और गुड टच की जानकारी भी दे रहे हैं। क्लास में आने वाली बच्ची शबीना ने बताया कि मेरे पिता पार्टियों में वेटर है, मुझे डांसर बनना है। इसलिए मैं यहां पिछले एक महीने से आ रही हूं। दोपहर स्कूल में छुट्टी के बाद वर्कशॉप में आ जाती हूं। वहीं मोची का काम करने वाले का छठवीं का अरमान बड़ा होकर एक्टिंग करना चाहता है। मौसमी बताती हैं कि मेरी मां किसी के घर में बर्तन मांजती हैं। मुझे सिंगिंग का बहुत शौक है। मैं इस शौक से अपना करिअर बनाना चाहती हूं।