For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

Honor of Britain: किंग चार्ल्स ने ब्रिटेन में दो भारतीयों को दिए सम्मान किए रद्द, बताई वजह 

11:26 AM Dec 07, 2024 IST
honor of britain  किंग चार्ल्स ने ब्रिटेन में दो भारतीयों को दिए सम्मान किए रद्द  बताई वजह 
महाराजा चार्ल्स की फाइल फोटो।
Advertisement

लंदन, 7 दिसंबर (भाषा)

Advertisement

Honor of Britain: ब्रिटेन के ‘हाउस ऑफ लॉर्ड्स' के भारतीय मूल के सदस्य रमिंदर सिंह रेंजर को शुक्रवार को ‘कमांडर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर' (सीबीई) का सम्मान छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन पर “सम्मान प्रणाली को बदनाम” करने का आरोप है।

इसके साथ ही हिंदू समुदाय और अंतर-धार्मिक संबंधों में सेवाओं के लिए ‘ऑफिसर ऑफ द सिविल डिविजन ऑफ द मोस्ट एक्सीलेंट ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर' (ओबीई) के रूप में अनिल कुमार भनोट की दी गई नियुक्ति को भी रद्द कर दिया गया है।

Advertisement

कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्य और ब्रिटेन स्थित एफएमसीजी कंपनी सन मार्क लिमिटेड के संस्थापक रमिंदर सिंह रेंजर को दिया सम्मान महाराजा चार्ल्स तृतीय द्वारा “रद्द और निरस्त” कर दिया गया। रमिंदर को लॉर्ड रमी रेंजर के नाम से भी जाना जाता है।

उनके प्रवक्ता ने इस फैसले को “अन्यायपूर्ण” करार दिया और बताया कि रेंजर इसे चुनौती देंगे। ब्रिटिश मंत्रिमंडल कार्यालय की जब्ती समिति ने हालांकि ऐसी सिफारिशों के पीछे के कारणों को स्पष्ट नहीं किया है, लेकिन यह कदम पिछले साल लॉर्ड्स की जांच के बाद उठाया गया है, जिसमें निष्कर्ष निकाला गया था कि रेंजर ने “धमकाने और उत्पीड़न” से संबंधित संसदीय आचार संहिता का उल्लंघन किया था।

‘द लंदन गजट' में प्रकाशित आधिकारिक सार्वजनिक सूचना में कहा गया, “महाराजा ने निर्देश दिया है कि 31 दिसंबर, 2015 को ‘कमांडर ऑफ द सिविल डिविजन ऑफ द मोस्ट एक्सीलेंट ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर' के रूप में रमिंदर सिंह की नियुक्ति रद्द कर दी जाएगी और उनका नाम उक्त आदेश के रजिस्टर से मिटा दिया जाएगा।”

मंत्रिमंडल कार्यालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति “किसी फौजदारी अपराध, ऐसे व्यवहार का दोषी पाया जाता है जिसके परिणामस्वरूप नियामक या पेशेवर निकाय द्वारा उसकी निंदा की जाती है, या ऐसा व्यवहार करता है जो सम्मान प्रणाली को बदनाम करने वाला माना जाता है” तो उसका सम्मान वापस लिया जा सकता है।

लॉर्ड रेंजर के प्रवक्ता ने प्रक्रिया में “पारदर्शिता की कमी और गोपनीयता के उच्च स्तर” पर “गंभीर चिंताएं” जताईं और कहा कि वह “अनुचित निर्णय” को चुनौती देने पर विचार कर रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा, “लॉर्ड रेंजर ने कोई अपराध नहीं किया है और न ही उन्होंने कोई कानून तोड़ा है, जबकि जिन लोगों का सम्मान इस तरह से रद्द किया गया है, उनमें से अधिकांश ने या तो अपराध किया है या कानून तोड़ा है।”

प्रवक्ता ने कहा कि वह अपने लिए उपलब्ध विभिन्न कानूनी रास्तों के माध्यम से निवारण के सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं तथा स्वयं को निर्दोष साबित करने के लिए इस अन्यायपूर्ण निर्णय को चुनौती देंगे। उन्होंने कहा कि लॉर्ड रेंजर सीबीई के पात्र प्राप्तकर्ता थे और जिस तरह से यह उनसे छीना गया है, वह शर्मनाक है।

इस सप्ताह जब्ती समिति के निर्णय में अनिल कुमार भनोट का भी नाम शामिल है, जिन्हें जून 2010 में दिवंगत महारानी के जन्मदिन के अवसर पर हिंदू समुदाय और अंतर-धार्मिक संबंधों में उनकी सेवाओं के लिए ओबीई की उपाधि से सम्मानित किया गया था।

फैसले में कहा गया, “महाराजा ने निर्देश दिया है कि अनिल कुमार भनोट की 12 जून 2010 को ‘ऑफिसर ऑफ द सिविल डिविजन ऑफ द मोस्ट एक्सीलेंट ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर' (ओबीई) के रूप में की गई नियुक्ति को रद्द कर दिया जाएगा और उनका नाम उक्त आदेश के रजिस्टर से मिटा दिया जाएगा।”

Advertisement
Tags :
Advertisement