गृह मंत्रालय ने बनायी जांच समिति
नयी दिल्ली, 29 जुलाई (एजेंसी)
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यहां इमारत के बेसमेंट में पानी भर जाने के कारण कोचिंग सेंटर में तीन आईएएस अभ्यर्थियों की मौत की जांच के लिए सोमवार को अतिरिक्त सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की। मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि समिति इस घटना के कारणों की जांच करेगी, जिम्मेदारी तय करेगी, उपाय सुझाएगी और नीति में बदलाव की सिफारिशें करेगी। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव के अलावा, समिति में दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव (गृह), दिल्ली पुलिस के विशेष सीपी, अग्निशमन सलाहकार सदस्य और गृह मंत्रालय के एक संयुक्त सचिव संयोजक होंगे। समिति 30 दिनों में अपनी रिपोर्ट देगी।
मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख मुआवजा
उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आज प्रदर्शनकारी छात्रों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि घटना के लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। उपराज्यपाल ने मृतक छात्रों के परिजन को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की। उन्होंने 24 घंटे के भीतर दिल्ली अग्निशमन सेवा, पुलिस और एमसीडी के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया।
संसद से सड़क तक हंगामा घटना को लेकर सोमवार को संसद से लेकर सड़कों तक आक्रोश नजर आया। सोमवार को 5 और व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया और अतिक्रमणों को हटाना शुरू किया गया। सैकड़ों छात्रों ने पश्चिम दिल्ली में राव आईएएस स्टडी सर्किल के पास विरोध प्रदर्शन जारी रखा। वही, लोकसभा में शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए नयी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से भाजपा की सदस्य बांसुरी स्वराज ने घटना के लिए दिल्ली की ‘आप’ सरकार को जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि सुरक्षा नियमों का उल्लंघन हुआ है। वही, पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि राजेंद्र नगर के अलावा, एमसीडी ने यूपीएससी कोचिंग संस्थानों के एक अन्य केंद्र, उत्तर दिल्ली के मुखर्जी नगर में सीलिंग अभियान चलाया।
पांच आरोपी न्यायिक हिरासत में उधर पांच आरोपियों को स्थानीय अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। कोचिंग सेंटर के चार सह-मालिकों समेत पांचों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया था।