समग्र दृष्टिकोण
06:33 AM Nov 09, 2023 IST
एक बार स्वामी विवेकानंद ने अपने प्रवचन के दौरान एक सिक्के को उठाकर दरबार में बैठे लोगों को दिखाते हुए कहा, ‘क्या आपको इस सिक्के के केवल एक दिशा से देखकर उसका मूल्य पता चल सकता है?’ दरबार में बैठे लोगों ने कहा, ‘नहीं।’ फिर स्वामी विवेकानंद ने सिक्के का दूसरा पक्ष दिखाया और कहा, ‘इसी तरह जीवन को भी दोनों पहलुओं से देखना चाहिए।’ उनका मानना था जीवन में भी हमें विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए समग्र दृष्टिकोण बनाना चाहिए। हर समस्या, हर व्यक्ति और हर परिस्थिति के दो पहलू होते हैं। अतः हमें संवाद, विचार और सामर्थ्य के सभी पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए, ताकि हम सही निर्णय ले सकें।
Advertisement
प्रस्तुति : देवेन्द्रराज सुथार
Advertisement
Advertisement