सृजन से संवाद के जरिये समग्र मूल्यांकन
शील कौशिक
बहुआयामी लेखन के यशस्वी व सूर पुरस्कार प्राप्त साहित्यकार डॉ. सुभाष रस्तोगी ने साहित्य की विविध विधाओं यथा कहानी, उपन्यास, जीवनी, संस्मरण, साक्षात्कार, समीक्षा तथा कविता में व्यापक लेखन किया है। उनकी कुल 39 पुस्तकें प्रकाशित हुई हैं, जिनमें 20 कविता संग्रह हैं। डॉ. रामनिवास ‘मानव’ के संपादकत्व में समीक्ष्य कृति ‘सुभाष रस्तोगी : सृजन से संवाद’ में डॉ. सुभाष रस्तोगी के साहित्यिक अवदान की संपूर्ण पड़ताल है। इसे चार खंडों में विभक्त किया गया है। प्रथम खंड में कविता से संवाद में 29 मूर्धन्य लेखकों के 42 समीक्षात्मक आलेख हैं।
द्वितीय खंड में कथा साहित्य से संवाद में 10 समीक्षकों के 10 आलेख, तृतीय खंड में संस्मरण, साक्षात्कार व जीवनी से संवाद में पांच समीक्षकों के पांच आलेख है, तो चौथे खंड में आलोचना से संवाद है, जिसमें 10 समीक्षकों के 10 आलेख सम्मिलित हैं। जिन्होंने डॉ. सुभाष रस्तोगी के रचनात्मक अवदान का विवेचन किया है व उन्हें एक व्यापक सरोकार वाले लेखक के रूप में मान्यता दी है, जिनके रचना-संसार में समाज के हर वर्ग की अनुगूंज शामिल है। संवेदना और संचेतना के स्तर पर मध्यवर्गीय जद्दोजहद की इनमें जीवंत अभिव्यक्तियां हैं। उन्होंने मानव जीवन संघर्ष को बड़े सहज, सरल और संवेदनात्मक शैली में चित्रित किया है, फिर चाहे वह कविता हो, कहानी-उपन्यास हो, जीवनी, साक्षात्कार या आलोचना विधा हो। उनका लेखन उनके जीवनानुभवों का निचोड़ है। उन्होंने अपनी कृतियों में जीवन के सूक्ष्म पहलुओं को चिन्हित करते हुए जीवन के सबल, सुवासित पृष्ठों के साथ-साथ दुर्बल स्वरूपों पर बराबर प्रकाश डाला है। इनकी प्रत्येक कृति में भावभूमि व अंतर्द्वंद्व की गहन अंतर्यात्रा मिलती है।
प्रस्तुत कृति में आधी सदी से भी अधिक समय की इनकी लेखकीय यात्रा में वर्तमान समाज में फैले रिश्तों के नासूर से लेकर मानव जीवन की व्याख्या करने वाले लगभग सभी विषय सम्मिलित हैं। भाषा में अभिव्यक्ति के सामर्थ्य पर उनकी पकड़ अनुपम है। संपादक ने एक साथ साहित्य और आलोचना के शिखर हस्ताक्षरों के समीक्षात्मक आलेखों को दुर्लभ दस्तावेज़ के रूप में संजोया है, जिसमें रस्तोगी जी के समग्र साहित्य की मूल संवेदना को वे ‘सृजन से संवाद’ के माध्यम से पाठकों के रूबरू लाए हैं।
वस्तुत : यह पुस्तक समकालीन हिंदी साहित्य जगत की एक उपयोगी कृति है, जिसमें डॉ. सुभाष रस्तोगी के समग्र लेखन का मूल्यांकन है। अन्वेषी पाठकों तथा शोधार्थियों के लिए निश्चित ही यह कृति उपयोगी है।
पुस्तक : सुभाष रस्तोगी : सृजन से संवाद संपादक : डॉ. रामनिवास ‘मानव’ प्रकाशक : सूर्य भारती प्रकाशन, दिल्ली पृष्ठ : 260 मूल्य : रु. 895.