अलग-अलग चुनाव होने से होती है धन और संसाधनों की बर्बादी : गोपाल कृष्ण अग्रवाल
गुरुग्राम, 30 मार्च (हप्र)
प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ़ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (पीएफटीआई) द्वारा शनिवार देर शाम गुरुग्राम के क्लब कापड़ी में आयोजित मासिक बैठक में ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ विषय पर गहन चर्चा हुई। इस बैठक में उद्योग एवं व्यापार जगत के प्रतिष्ठित व्यक्तियों एवं राजनीतिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
मुख्य अतिथि के रूप में गुरुग्राम की नवनिर्वाचित मेयर राजरानी मल्होत्रा और मुख्य वक्ता के रूप में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल उपस्थित रहे। इस दौरान फेडरेशन के वाइस चेयरमैन डॉ. एसपी अग्रवाल एवं पीएफटीआई टीम द्वारा मेयर को एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें मुख्य रूप से शहर में कूड़ा निस्तारण की समस्या के समाधान का आग्रह किया गया है।
इस अवसर पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा, देशभर में इस पहल के लिए अनुकूल वातावरण बनाना आवश्यक है। अलग-अलग समय पर चुनाव होने से सरकारी धन और संसाधनों की भारी बर्बादी होती है। यदि सभी चुनाव एक साथ कराए जाएं, तो यह धन बुनियादी ढांचे और औद्योगिक विकास में निवेश किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में कुछ शक्तियां ऐसी हैं, जो भारत को बढ़ते हुए नहीं देखना चाहतीं। यही कारण है कि जब भी कोई सुधारात्मक कदम उठाया जाता है, उसे रोकने की कोशिश की जाती है। प्रोग्रेसिव फेडरेशन ऑफ़ ट्रेड एंड इंडस्ट्री के मुख्य संरक्षक एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता बोधराज सिकरी ने वक्ता के तौर पर कहा, कि देश में आर्थिक स्थिरता और विकास के लिए हमें ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ की पहल का समर्थन करना चाहिए।
उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियाें ने कहा...
पीएफटीआई के संरक्षक एवं बजाज मोटर्स के एमडी वीपी बजाज ने कहा कि ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ न केवल देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुचारू बनाएगा, बल्कि उद्योग जगत को भी स्थिरता, आर्थिक बचत और दीर्घकालिक नीति लाभ प्रदान करेगा। फेडरेशन के संरक्षक हरीश घई ने कहा, यह पहल देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी और उद्योगों को दीर्घकालिक योजना बनाने में सहायता करेगी। प्रोग्रेसिव फेडरेशन के डायरेक्टर एवं वरिष्ठ अधिवक्ता आरएल शर्मा ने कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन उद्योग जगत के लिए एक सकारात्मक कदम है, जिससे नीति-निर्माण और क्रियान्वयन में स्थिरता आएगी। विंडसर चॉकलेट के मालिक मुनीश गुप्ता ने कहा कि यदि सभी चुनाव एक साथ होते हैं, तो इससे बाजार में स्थिरता आएगी और व्यापार में वृद्धि होगी।