महामहिम ने खिलाया दही-शक्कर
नयी दिल्ली, 1 फरवरी (एजेंसी)
बजट प्रस्तुत करने से पहले सीतारमण ने वित्त राज्य मंत्रियों-पंकज चौधरी और भागवत कराड तथा वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। राष्ट्रपति ने सीतारमण को चम्मच से दही-शक्कर खिलाई और केंद्रीय बजट प्रस्तुत करने के लिए शुभकामनाएं दीं।
शब्दों की नयी परिभाषा
सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कुछ शब्द-संक्षेपों की नयी व्याख्या की। मसलन उन्होंने एफडीआई को ‘फर्स्ट डेवलप इंडिया’ (पहले भारत का विकास) और जीडीपी को ‘गवर्नेंस, डेवलपमेंट एंड परफॉर्मेंस’ (शासन, विकास और कार्य प्रदर्शन) कहा। उन्होंने कहा, ‘सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के रूप में उच्च वृद्धि के अलावा सरकार अधिक समावेशी जीडीपी (शासन, विकास और कार्य प्रदर्शन) पर भी समान रूप से ध्यान दे रही है।’
इस बार भी बही-खाते के रूप में लाईं बजट
वित्त मंत्री सीतारमण ने 2019 में बजट दस्तावेजों को परंपरागत ब्रीफकेस में लाने के बजाय बही-खाते के रूप में लाना शुरू किया था जिस पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक चिह्न होता है। इस बार उन्होंने इस परिपाटी को कायम रखा। जनता दल (यू) के नेता राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ को बजट भाषण के दौरान अनेक बार मेज थपथपाते हुए देखा गया।
8 बार किया मोदी का जिक्र
सीतारमण के आज के बजट भाषण में पहले की तरह तमिल कवियों और विचारकों के उद्धरण नहीं थे। हालांकि, उन्होंने कम से कम आठ बार प्रधानमंत्री मोदी का उल्लेख किया और उनके भाषणों के अंश पढ़े। लोकसभा की दर्शक दीर्घाओं में अधिक संख्या में लोग नहीं थे। दीर्घा-2 में राज्यसभा के कुछ सदस्य बैठे थे, वहीं वित्त मंत्री के रिश्तेदार कृष्णमूर्ति लक्ष्मीनारायणन तथा विद्या लक्ष्मीनारायणन और उनकी बेटी वांग्मयी पराकला को दीर्घा-3 की पहली कतार में बैठे थे।