हिंदू मतलब उदारतम मानव, जो सद्भावना रखता है : भागवत
जयपुर, 15 सितंबर (एजेंसी)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने हिंदू धर्म को सबके कल्याण की कामना करने वाला विश्व धर्म बताते हुए रविवार को कहा कि हिंदू का मतलब है विश्व का सबसे उदारतम मानव... जो सब कुछ स्वीकार करता है, सबके प्रति सद्भावना रखता है। इसके साथ ही उन्होंने स्वयंसेवकों से सामाजिक समरसता के माध्यम से बदलाव लाने का आह्वान करते हुए कहा कि हमें छुआछूत के भाव को पूरी तरह मिटा देना है।
भागवत अलवर में स्वयंसेवकों के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हिंदू धन का उपयोग मदमस्त होने के लिए नहीं करता, दान के लिए करता है और शक्ति का उपयोग दुर्बलों की रक्षा के लिए करता है। उन्होंने कहा, ‘यह जिसका शील है, यह जिसकी संस्कृति है वह हिंदू है। चाहे वह पूजा किसी की भी करता हो, भाषा कोई भी बोलते हो। किसी भी जात-पात में जन्मा हो।’