For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

Hindi-Tamil Language Dispute : सीएम योगी ने भाषा विवाद पर रखी राय, कहा - राजनीतिक हितों के लिए लोगों की भावनाओं को भड़का रहे नेता

12:55 PM Apr 01, 2025 IST
hindi tamil language dispute   सीएम योगी ने भाषा विवाद पर रखी राय  कहा   राजनीतिक हितों के लिए लोगों की भावनाओं को भड़का रहे नेता
Advertisement

लखनऊ, 1 अप्रैल (भाषा)

Advertisement

Hindi-Tamil Language Dispute : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाषा को लेकर की जा रही राजनीति की आलोचना की और कहा कि जिन राज्यों के नेता इस विवाद को हवा दे रहे हैं, वे राज्य पिछड़ते जा रहे हैं। आदित्यनाथ ने ‘पीटीआई-भाषा' के साथ एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि उत्तर प्रदेश में रोजगार के बड़े अवसर पैदा हो रहे हैं और इस तरह की संकीर्ण राजनीति युवाओं की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में रोजगार के नए अवसर खुल रहे हैं, नौकरियां सृजित की जा रही हैं। जो लोग भाषा को लेकर विवाद पैदा कर रहे हैं, वे अपने राजनीतिक हितों को पूरा कर सकते हैं लेकिन एक तरह से युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों पर प्रहार कर रहे हैं।'' जब उनसे पूछा गया कि क्या वह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन का जिक्र कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘वो कोई भी हों, वे यही कर रहे हैं। यही कारण है कि ये राज्य धीरे-धीरे पिछड़ते जा रहे हैं।''

Advertisement

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘उनके पास कोई अन्य मुद्दा नहीं है और वे अपने राजनीतिक हितों को हासिल करने के लिए भावनाओं को भड़का रहे हैं।'' आदित्यनाथ ने कहा कि तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, बंगाली या मराठी जैसी भाषाएं राष्ट्रीय एकता की आधारशिला बन सकती हैं।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार अपने छात्रों को तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, बंगाली और मराठी जैसी भाषाएं सिखा रही है। उन्होंने पूछा, ‘‘क्या इससे उत्तर प्रदेश किसी भी मायने में छोटा हो गया? क्या यह उत्तर प्रदेश को कमतर करके दिखाता है?'' सीएम ने कहा कि सभी का मानना ​​है कि हिंदी का सम्मान होना चाहिए लेकिन भारत ने त्रिभाषा फार्मूला अपनाया है। आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘यह त्रिभाषा फार्मूला सुनिश्चित करता है कि क्षेत्रीय भाषाओं को भी समान सम्मान मिले। हर भाषा की अपनी विशेषता होती है जो राष्ट्रीय एकता की आधारशिला बनती है।''

उन्होंने कहा कि हर क्षेत्रीय भाषा की अपनी लोक परंपराएं और कहानियां होती हैं जो राष्ट्र की विविधता को सामने लाती हैं और इसे मजबूत बनाती हैं। आदित्यनाथ ने कहा कि ‘काशी तमिल संगमम' पहल इसका सबसे अच्छा उदाहरण है क्योंकि यह भारत की सबसे पुरानी भाषाओं तमिल और संस्कृत को एक साथ लाता है।

Advertisement
Tags :
Advertisement