‘हिंदी हमारी मातृभाषा ही नहीं, संस्कृति व पहचान की प्रतीक भी’
अम्बाला शहर, 13 जनवरी (हप्र)
स्थानीय सोहन लाल डीएवी शिक्षा महाविद्यालय में विश्व हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विवेक कोहली की दिशानिर्देशन व हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र कौशिक के मार्गदर्शन में हुआ। हिंदी संस्था की सह अध्यक्ष प्रो. मंजू सैनी ने सभी शिक्षकों व विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए इस कार्यक्रम की शुरुआत की।
इस अवसर पर छात्रों के बीच हिंदी भाषा के महत्व और उसकी वैश्विक पहचान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विविध गतिविधियों का आयोजन किया गया। डॉ. नरेंद्र कौशिक ने प्रतिभागियों व छात्रों से हिंदी भाषा के प्रति जागरूकता और प्रेम विकसित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हिंदी न केवल हमारी मातृभाषा है बल्कि हमारी संस्कृति और पहचान की प्रतीक भी है। हिंदी भाषा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए छात्रों को अपनी मातृभाषा के प्रति सम्मान और जागरूकता बढ़ाने की प्रेरणा दी।
उन्होंने सर्वप्रथम अपने हिंदी में हस्ताक्षर से हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की। उनके पश्चात डॉ. पूजा, डॉ. निरूपा कोहली, प्रो. पूजा धीमान, प्रो. श्रुति, डॉ. हरप्रीत कौर, प्रो. मंजू सैनी, प्रो. ममता व प्रो. अनुपमजीत ने अपने हस्ताक्षर किए। सभी भावी शिक्षक भी इस अभियान का हिस्सा बने। इस मौके पर निबंध लेखन, भाषण प्रतियोगिता, कविता पाठ और पहेली जैसी गतिविधियां आयोजित की गईं। इन सभी गतिविधियों का उद्देश्य हिंदी भाषा की समृद्धि और महत्व को समझाना था।
बीएड द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी मयंक के मंच संचालन ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए, जिसके चलते उन्होंने गोल्ड मेडल प्राप्त किया। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम रजनी, द्वितीय अजय शर्मा, तृतीय शिवानी व आशुतोष रहे। निबंध लेखन प्रतियोगिता में प्रथम रजमीत कौर, द्वितीय ज्योत्सना व धीरज सैनी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। कविता पाठ में मयंक ने प्रथम, मंजू ने द्वितीय व कोमल ने तृतीय स्थान हासिल किया। सभी विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।