सुधारों से सही दिशा में बढ़ रही है हिमाचल की अर्थव्यवस्था: सुक्खू
यशपाल कपूर/निस
नाहन (सोलन),10 नवंबर
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सिरमौर जिला के पच्छाद विधानसभा क्षेत्र स्थित भूरेश्वर महादेव मंदिर में शीश नवाया और मंदिर परिसर में भगवान शिव की नई प्रतिमा का अनावरण किया। साथ ही, वन वाटिका भूरेश्वर और क्वागधार हैलीपैड का लोकार्पण भी किया। इस अवसर पर आयोजित मेले का शुभारंभ करते हुए उन्होंने प्रदेश की अर्थव्यवस्था के बारे में महत्वपूर्ण बयान दिए।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार ने व्यवस्था परिवर्तन के जरिए हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने बताया कि राज्य में लागू किए गए सुधारों के कारण प्रदेश की अर्थव्यवस्था अब सही दिशा में बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश को 2027 तक आत्मनिर्भर और 2032 तक सबसे समृद्ध राज्य बना देगी।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई प्रभावी कदम उठा रही है। जैसे कि प्राकृतिक खेती के तहत गेहूं और मक्की की खरीद क्रमशः 40 और 30 रुपये प्रति किलो की दर से की जा रही है। इसके अलावा, गाय और भैंस के दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर क्रमशः 45 और 55 रुपये प्रति लीटर किया गया है।
मुख्यमंत्री ने ल्वासा चौकी से चंडीगढ़ सड़क को चौड़ा करने के निर्देश दिए और भूरेश्वर महादेव क्षेत्र को इको टूरिज्म के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया। इससे क्षेत्र की आर्थिकी मजबूत होगी और स्थानीय लोगों को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का ध्यान नए संस्थान खोलने की बजाय पहले से मौजूद संस्थानों में अधोसंरचना और स्टाफ को मजबूत करने पर है, ताकि सरकारी स्कूलों में बच्चों को बेहतर और गुणात्मक शिक्षा मिल सके। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने चुनावी लाभ के लिए बिना बजट प्रावधान के नए स्कूलों की अधिसूचनाएं जारी की थीं, लेकिन इन स्कूलों में सुविधाओं का अभाव था।
अंतर्राष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेले का शुभारंभ
नाहन (निस): हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेले का पांच दिवसीय आयोजन सोमवार को परंपरागत विधि से शुरू हुआ। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गिरी नदी के तट पर भगवान परशुराम की पालकी को कंधा देकर मेले का शुभारंभ किया। मां रेणुका और भगवान परशुराम के मिलन के प्रतीक इस मेले में देव पालकियों के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़े। गिरी नदी से मंदिर परिसर तक शोभायात्रा के दौरान पूरा क्षेत्र जयकारों और ढोल-नगाड़ों की धुनों से गूंज उठा। मुख्यमंत्री सुक्खू ने इस अवसर पर देश-प्रदेशवासियों को बधाई दी और कहा कि हिमाचल के पौराणिक मेले देवभूमि की संस्कृति और शांति को दर्शाते हैं।