Himachal Weather: मंडी में बादल फटने से 4 की मौत, 16 लापता, 99 लोगों को बचाया गया, 20 घर जमींदोज, कई पुल बहे
ज्ञान ठाकुर/पुरुषोत्तम शर्मा/दीपेंद्र मिंटा
शिमला/मंडी, 1 जुलाई
Himachal Weather: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सोमवार रात से हो रही मूसलधार बारिश और लगातार बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 16 लोग लापता बताए जा रहे हैं। जिला प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमों ने संयुक्त आपातकालीन अभियानों में 99 लोगों को सुरक्षित बचा लिया है।
बारिश के कारण कई जगह भूस्खलन की घटनाएं भी सामने आई हैं, जिससे किरतपुर-मनाली हाईवे पर मंडी से कुल्लू के बीच कई हिस्सों में मार्ग अवरुद्ध हो गया है। कई गांवों में जलभराव और मकानों को नुकसान की भी सूचना है।
प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया है और राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में और बारिश की चेतावनी दी है, जिससे संकट और बढ़ सकता है। प्रभावित क्षेत्रों में 20 से अधिक मकान ढह गए हैं और कई पुल बह जाने से संपर्क मार्ग पूरी तरह टूट गए हैं।
स्यांज में बादल फटने से गांव तबाह, 9 लोग लापता
सराज विधानसभा क्षेत्र के गोहर उपमंडल के स्यांज गांव में सोमवार देर रात बादल फटने की घटना हुई, जिससे पूरा गांव हिल गया। भारी बारिश के बाद अचानक मलबा तेजी से नीचे आया और कई मकानों को अपनी चपेट में ले गया। 9 ग्रामीण लापता हो गए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, अधिकांश परिवार रात को अपने घरों में सो रहे थे, जब तेज आवाज के साथ पहाड़ से मलबा और चट्टानें गिरनी शुरू हुईं। अंधेरे और फिसलन के कारण बचाव बेहद मुश्किल हो गया।
करसोग में 3 लापता, 2 शव बरामद
करसोग क्षेत्र के दो अलग-अलग गांवों में मकान गिरने और नालों के उफान पर आने से 3 लोग लापता हैं। राहत कार्य के दौरान 2 शव बरामद किए गए हैं, जिनकी पहचान स्थानीय निवासियों के रूप में हुई है। भारी बारिश के कारण सड़कें बह गई हैं, जिससे गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह कट चुका है। कई इलाकों में बिजली और मोबाइल नेटवर्क भी ठप हैं।
धर्मपुर में 20 मकान जमींदोज, सराज में बह गए पुल
धर्मपुर उपमंडल के स्याठी और सरी गांवों में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ, जिसमें कम से कम 20 मकान पूरी तरह तबाह हो गए हैं। कुछ मकान बहाव में बह गए जबकि कुछ पर बड़े-बड़े पत्थर आ गिरे। प्रभावित परिवारों को रात के समय ही स्कूल भवनों और पंचायत घरों में शिफ्ट किया गया।
वहीं सराज क्षेत्र के बाखली और कुकलाह गांवों में तेज बहाव के कारण दो छोटे पुल बह गए, जिससे आस-पास के गांवों का संपर्क मुख्य सड़कों से टूट गया है। अब राहत टीमें वैकल्पिक मार्गों से पहुंचने की कोशिश कर रही हैं।
प्रशासन अलर्ट मोड में, बचाव अभियान तेज
जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एनडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड और स्थानीय स्वयंसेवकों की टीमें मौके पर भेज दी हैं। डीसी मंडी अरिंदम चौधरी ने बताया कि हालात बेहद गंभीर हैं और लगातार हो रही बारिश राहत कार्यों में बाधा बन रही है, फिर भी लापता लोगों की तलाश और प्रभावितों की सहायता प्राथमिकता पर की जा रही है।
प्रशासन ने मंडी जिले के सभी उपमंडलों में आपदा नियंत्रण केंद्र सक्रिय कर दिए हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है।
मौसम विभाग का रेड अलर्ट, अगले 24 घंटे और भारी
भारतीय मौसम विभाग ने मंडी सहित प्रदेश के कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घंटों तक भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है।
स्थानीय प्रशासन ने स्कूलों को बंद रखने और लोगों को नदी-नालों के पास न जाने की सलाह दी है। पहाड़ी मार्गों पर फिसलन और भूस्खलन की आशंका को देखते हुए यात्रा से बचने की अपील की गई है।
शिमला में भी भारी बारिश, सड़क संपर्क टूटा
राजधानी शिमला में भी भारी वर्षा के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है। जिले में दर्जनों सड़कों के बंद होने की खबर है। लैंडस्लाइड और पेड़ गिरने की घटनाओं ने यातायात व्यवस्था को पूरी तरह ठप कर दिया है।
हाईवे बाधित, सुरंगों में फंसे यात्री
कीरतपुर-मनाली हाईवे पर मंडी से कुल्लू के बीच कई जगह भूस्खलन हुआ है। रातभर यात्री सुरंगों में फंसे रहे। प्रशासन की टीमें खाना-पानी पहुंचा रही हैं। सुरक्षा को देखते हुए मंडी से कुल्लू की ओर ट्रैफिक पूरी तरह बंद कर दिया गया है।
ग्रामीणों की पीड़ा: ‘सबकुछ मलबे में बदल गया’
स्यांज गांव के एक पीड़ित बुजुर्ग ने कहा, “हम सो रहे थे, अचानक लगा जैसे आसमान टूट पड़ा हो। आंख खोलते ही घर में मलबा भर गया। आवाजें सुनाई दे रही थीं, लेकिन कोई किसी को नहीं देख पा रहा था। सुबह जब मलबा हटा, तो पूरा गांव बदल चुका था।”
सरकार से मांग: पुनर्वास और मुआवजे की दरकार
प्रभावित ग्रामीणों ने सरकार से तत्काल राहत, अस्थायी आश्रय और मुआवजे की मांग की है। विधायक और प्रशासनिक अधिकारी हालात का जायजा लेने पहुंचे हैं, लेकिन दुर्गम रास्तों के कारण राहत पहुंचाने में कठिनाई आ रही है।
हाईवे बाधित, सुरंगों में फंसे यात्री
कीरतपुर-मनाली हाईवे पर मंडी से कुल्लू के बीच कई जगह भूस्खलन हुआ है। रातभर यात्री सुरंगों में फंसे रहे। प्रशासन की टीमें खाना-पानी पहुंचा रही हैं। सुरक्षा को देखते हुए मंडी से कुल्लू की ओर ट्रैफिक पूरी तरह बंद कर दिया गया है।