हिमाचल अब भी 771 सड़कें बंद
शिमला, 16 जुलाई (निस)
हिमाचल प्रदेश में हो रही मानसून की भारी बरसात से हो रहा नुकसान थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज मंडी के सराज हलके की बगड़ाथाच पंचायत के मिहाच संदोचा गांव में भूस्खलन में एक युवक की मौत हो गई। मृतक की पहचान 17 वर्षीय बाल कृष्ण के रूप में हुई है। घटना के समय बालकिशन कमरे में सोया हुआ था। इस घटना में बाल कृष्ण की दादी बाल-बाल बच गई क्योंकि घटना से ठीक पहले वह कमरे से निकल गई थी। इस बीच प्रदेश में 7 से 11 जुलाई तक हुई भारी वर्षा से आई प्राकृतिक आपदा के बाद जनजीवन अभी सामान्य नहीं हो पाया है। प्रदेश में अभी तक चार राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 771 सड़कें बंद हैं जबकि 1476 बिजली ट्रांसफार्मर और 512 पेयजल योजनाएं भी ठप हैं। यही नहीं बाढ़ प्रभावित कुल्लू जि़ला के अधिकांश हिस्सों में डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस जैसी आवश्यक वस्तुओं की भी भारी किल्लत हो गई है। आपदा के एक सप्ताह बाद भी प्रदेश की राजधानी शिमला में लोगों को पांच दिन बाद भी नलकों से पानी नहीं मिल रहा है। ऐसे में राजधानी में ही लोगों को बरसात के बीच भारी पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है और लोग बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं।
इस बीच प्रदेश में माॅनसून लगातार सक्रिय बना हुआ है और राज्य के अधिकांश हिस्सों में माॅनसून की व्यापक से भारी वर्षा हो रही है। बीते 24 घंटों के दौरान पालमपुर में सर्वाधिक 151 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। इसके अलावा धर्मशाला में 56, धौलाकुंआ में 55, कुफरी में 51, भुंतर में 39 और शिमला मं 25 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। इसके चलते प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के बाद चल रहे राहत व पुनर्वास कार्याें में व्यवधान पड़ रहा है। जनजातीय जि़ला किन्नौर में बीती रात से ही वर्षा हो रही है, इस कारण हिन्दुस्तान-तिब्बत मार्ग पर कई स्थानों पर यातायात में बाधा आई है। शिमला जि़ला की मुख्य ठियोग-हाटकोटी-रोहड़ू सड़क हाटकोटी के निकट हुए भूस्खलन के कारण बंद है। इसे खोलने के प्रयास जारी है। मंडी से कमांद-कटौला होकर कुल्लू जाने वाली सड़क घोड़ा फार्म के पास भूस्खलन के कारण आज कई घंटे यातायात के लिए बंद रही। इस सड़क को फिर से यातायात के लिए बहाल कर दिया गया है।
पिन वैली में 400 भेड़ों की मौत, 50 लापता
हिमाचल प्रदेश में इंसानों के साथ-साथ प्राकृतिक आपदा मवेशियों पर भी भारी पड़ी है। स्पीति घाटी की पिन वैली में जुलाई महीने में हो रही भारी बारिश व बर्फबारी की वजह से 400 भेड़ों की मौत हो गई है। 50 भेड़ें लापता हैं। लाहौल स्पीति जिला प्रशासन के अथक प्रयासों से भेड़ बकरियों को लेकर पिन वैली पहुंचे 12 गद्दियों का रेस्क्यू किया गया है। चंद्रताल में फंसे एक गद्दी को छोड़ बाकी सभी भेड़ पलकों का रेस्क्यू कर लिया गया है। लाहुल स्पीति के अतिरिक्त उपायुक्त राहुल जैन ने कहा कि स्पिति की पिन घाटी से भावा दर्रा की तरफ भारी बारिश और बर्फबारी के कारण फंसे हुए 12 भेड़ पालकों को रेस्कयू कर लिया गया है। इसके साथ ही फंसी हुई 1200 भेड़ बकरियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।