Himachal Pardesh : खाली पदों को भरने के लिए युक्तिकरण नीति लाएगी सुक्खू सरकार, सेब के अपने रूट स्टाॅक करेगी तैयार
ज्ञान ठाकुर/शिमला, 18 मार्च
Himachal Pardesh : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्रदेश सरकार राज्य के विभिन्न हिस्सों खासकर जनजातीय व दुर्गम क्षेत्रों में खाली पड़े पदों को भरने के लिए युक्तिकरण की नीति लाएगी। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक प्रश्न के उत्तर में दखल देते हुए कहा कि सरकार युक्तिकरण नीति पर काम कर रही है। यह नीति जनसंख्या और भौगोलिक परिस्थितियों पर आधारित होगी ताकि किसी भी विभाग, निगम अथवा बोर्ड में कोई पद खाली न रहे।
इससे पूर्व डाॅ. जनकराज के मूल प्रश्न के उत्तर में बागवानी व जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी चिंता का विषय है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वह जनजातीय क्षेत्रों में खाली पदों की समस्या को दूर करने के लिए ट्राइबल सब काॅडर फिर से आरंभ करने पर विचार करें। उन्होंने कहा कि भरमौर विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न सरकारी कार्यालयों में 45 पदों पर कार्यकारी अधिकारियों द्वारा सेवाएं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि इन विभागों में स्थाई नियुक्ति के लिए प्रयास जारी है।
विधायक कुलदीप सिंह राठौर के एक सवाल के जवाब में मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2023-24 में राज्य में आ रहे बिना क्वारंटीन के सेब के पौधों के खिलाफ एक मुहिम चलाई और 25 वाहन जब्त किए इनमें दो लाख 95 हजार 725 पौधें नष्ट किए गए। इसी तरह 2024-25 में बिना क्वारंटीन के लाए जा रहे चार वाहन पकड़े गए जिनमें 68 हजार पौधों को नष्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में गैरकानूनी तरीके से बिना क्वारंटीन के लाए जा रहे सेब के पौधों पर पूरी तरह लगाम लगे। इसके लिए विभाग की और कड़े कदम उठाए गए हैं। जगत सिंह नेगी ने माना कि प्रदेश में सेब के पौधों का रूट स्टाॅक एक अरसे से तैयार नहीं हो रहा है क्योंकि नौणी विश्वविद्यालय में इस पर कोई शोध नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में जो रूट स्टाॅक तैयार हो भी रहे हैं वह मांग के हिसाब से बहुत कम है। यही कारण है कि प्रदेश सरकार को विदेशों से रूटस स्टाॅक आयात करना पड़ रहा है। जगत सिंह नेगी ने कहा कि सरकार रूट स्टाॅक का उत्पादन बढ़ाने के लिए नौणी विश्वविद्यालय के साथ एक समीक्षा बैठक करेगी और बड़े पैमाने पर रूट स्टाॅक तैयार करने का प्रयास होगा। उन्होंने कहा कि बागवानी विभाग ने इटली की एक कंपनी के साथ समझौता किया है जिसके तहत कुल्लू जिला के बजौरा में सेब के 50 हजार रूट स्टाॅक तैयार किए जा रहे हैं।
इसी मुददे पर कुलदीप सिंह राठौर ने कहा कि विदेशों से आ रहा रूट स्टाॅक पंजाब में क्वारंटीन किया जा रहा है लेकिन इसकी समय अवधि बहुत कम है जिस कारण रूट स्टाॅक के साथ प्रदेश में बड़े पैमाने पर बीमारियां पहुंच रही है और सेब उत्पादन प्रभावित हो रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की रूट स्टाॅक तैयार करने के लिए प्रदेश में ही शोध हो ताकि अपनी जलवायु और जमीन के अनुसार पौधे तैयार किए जा सके। इसी मुददे पर विधायक बलवीर वर्मा ने कहा कि क्वारंटीन को लेकर बनाए गए नियमों का पालन नहीं हो रहा है। इस पर जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश सरकार फिलहाल अधिक से अधिक रूट स्टाॅक विदेशों से लाने के लिए प्रयासरत है ताकि मांग को पूरा किया जा सके और प्रदेश में हाई डेंस्टिी बागीचों को बढ़ावा मिल सके।
विधायक राकेश जमवाल के एक सवाल के जवाब में जगत सिंह नेगी ने कहा कि सरकार बंदोबस्त का काम तेज करने के लिए प्रयासरत है ताकि इस कार्य को समय पर पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि यह कार्य बेहद पेचिदा है और एक बंदोबस्त करने में 15-15 साल लग रहे हैं जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि बंदोबस्त का कार्य तेज करने के लिए सरकार ने आधुनिक मशीनों का आॅर्डर भी दिया है, लेकिन अभी तक यह मशीनें आनी बाकी है। विधायक केवल सिंह पठानिया, रीना कश्यप, मोहन लाल ब्राक्टा, पवन काजल और नंदलाल ने भी अपने-अपने क्षेत्र से संबंधित सवाल पूछे।
जलजीवन मिशन का पैसा लेने का प्रयास जारीः अग्निहोत्री
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने विधायक दलीप ठाकुर के एक सवाल पर कहा कि हिमाचल सरकार को बीते वर्ष जलजीवन मिशन के तहत 925 करोड़ रुपए मिलने थे, लेकिन अभी तक 137 करोड़ रुपए ही मिले हैं। उन्होंने कहा कि विभाग इस संबंध मंे केंद्रीय मंत्रालय से लगातार पत्राचार कर रहा है ताकि इस पैसे को हासिल किया जा सके। इस पैसे से प्रदेश में कई आधी-अधूरी पड़ी योजनाओं का काम पूरा हो सकेगा। उन्होंने कहा कि सरकारघाट विधानसभा क्षेत्र के लिए संधोल से पेयजल योजना का कार्य 80 फीसदी पूरा कर लिया गया है और यदि स्थानीय विधायक राष्ट्रीय राजमार्ग व अधिकारियों व कुछ स्थानीय लोगों के साथ लंबित मुददों को सुलझाने में पहल करते हैं तो इस योजना को जनवरी 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा। अग्निहोत्री ने कहा कि सिंचाई योजना धर्मपुर-गोपालपुर का कार्य भी 80 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है और इसका कार्य भी मार्च 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा।