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लद्दाख के पर्यावरणविद सोनम के समर्थन में उतरे हिमाचलवासी

08:30 AM Mar 18, 2024 IST
लद्दाख के पर्यावरणविद सोनम के समर्थन में उतरे हिमाचलवासी
सोलन में अपने आवास पर रविवार को अनशन करते शरभ नेगी और यशवंत नेगी। -िनस
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सोलन, 17 मार्च (निस)
हिमाचल के जागरूक लोग भी लद्दाख के समाजसेवी एवं पर्यावरणविद सोनम वांगचुग के समर्थन में आगे आए हैं। यहां के रिटायर आईएएस,आईपीएस,सैन्य अधिकारी व अन्य लोगों ने रविवार को अपने-अपने घर पर अनशन किया।
रविवार को एक दिन का अनशन करने वालों में पूर्व आईएएस अधिकारी शरभ नेगी सोलन, रिटायर प्रमुख अभियंता सोनम रिंगचेन नेगी शिमला, पूर्व आईपीएस अधिकारी अरविंद शारदा, आईएफएस अधिकारी हितेंद्र शर्मा सोलन, सेवानिवृत्त महाप्रबंधक इंडियन ओवरसीज बैंक यशवंत नेगी सोलन, वैज्ञानिक डॉ. भानू नेपानी, कर्नल राजीव ठाकुर, रिटायर अधीक्षक ग्रेड-1 ओमप्रकाश कायस्थ, सेवानिवृत्त शिक्षक निर्मला शर्मा, सेवानिवृत्त ज्वाइंट रजिस्ट्रार ओपी शर्मा, जीएम पद से सेवानिवृत्त बलवान नेगी, सोशल वर्कर मीरा शांडिल, शिक्षाविद अनुपमा चौहान राजगढ़, शिक्षाविद डॉ. अजय चौहान, प्रेमचंद पुस्तकालय अध्यक्ष भारतीय उच्च शिक्षा संस्थान शिमला शामिल रहे। सभी लोगों ने सोनम के समर्थन में एक दिन का उपवास रखा।

क्या है पूरा मामला

लद्दाख के प्रमुख समाजसेवी एवं पर्यावरणविद सोनम वांगचुग लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने, इस क्षेत्र को भारतीय संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने और लद्दाख के पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी संरक्षण के संबंध में केंद्र सरकार का ध्यान आकर्षण करने के लिए 21 दिन के आमरण अनशन पर हैं। उनके अनुसार सरकार की विकास संबंधी दोषपूर्ण नीतियों के फलस्वरूप इस क्षेत्र के अति संवेदनशील पर्यावरण और पारिस्थितिकी पर जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग के चलते विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। जहां एक ओर तापमान में वृद्धि के कारण चोटियों से अत्यंत तीव्र गति से ग्लेशियर पिघल कर समाप्त हो रहे हैं। दूसरी ओर यहां के अति संवेदनशील इको सिस्टम को भी भारी क्षति पहुंच रही है। इससे वनस्पतियों की प्रजातियों और जीव जंतुओं पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है। पर्यावरण संबंधी जिन विषयों को लेकर सोनम वांगचुग आमरण अनशन पर बैठे हैं, उन सभी समस्याओं का सरोकार हिमाचल प्रदेश से भी है।

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