Himachal News: वेटरनरी फार्मासिस्ट प्रशिक्षण संस्थान रिवाड़ी के प्रशिक्षणार्थियों ने किया सात दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण
प्रेम राज काश्यप/हप्र, रामपुर बुशहर,28 दिसंबर
Himachal News: राधे-राधे पशु चिकित्सा फार्मासिस्ट प्रशिक्षण संस्थान रिवाड़ी (दलाश) के प्रशिक्षणार्थीयों ने हाल ही में एक शैक्षणिक भ्रमण किया, जिसके तहत उन्होंने चंडीगढ़, आगरा, जयपुर इत्यादि विभिन्न स्थानों का दौरा किया। संस्थान के निदेशक डॉ. मुकेश कुमार शर्मा ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना एवं उनके व्यापक विकास को बढ़ावा देना और उन्हें भविष्य एवं समाज के लिए तैयार करना था।
आगरा में छात्रों ने ताजमहल की भव्यता को देखा और आगरा किले का भी भ्रमण किया। जयपुर में, छात्रों ने जंतर मंतर वेधशाला, जयपुर नाहरगढ़ जैविक पार्क का दौरा किया और उन्होंने वहां विभिन प्रकार के वन्य जीव जन्तुओ के बारे में जानकारी प्राप्त की और साथ में लायन सफारी का भी आनंद लिया।
उन्होंने इस दौरान आमेर किले व नारगढ़ किले का भी भ्रमण किया जहाँ पर उन्हें उन किलों के इतिहास को जानने का अवसर मिला।साथ ही साथ उन्होंने जयगढ़ किले का भी भ्रमण किया और उस किले के इतिहास को भी नज़दीक से जाना। मुख्य आकर्षण का केंद्र वहां पर रखी जैवाण तोप थी, जो की 18वीं शताब्दी में बनवाई गयी थी और जिसकी मारक क्षमता 35 किलोमीटर थी। अल्बर्ट म्यूजियम हॉल का भ्रमण भी किया गया, जो की जयपुर में स्थित है।
इस शैक्षणिक भ्रमण के दौरान छात्रों ने विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया। उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ़ वेटरनरी एजुकेशन एवं रिसर्च जयपुर का भ्रमण किया और विभिन्न पशु चिकित्सा तकनीकों के बारे में सीखा और विभिन्न पशु प्रजातियों का अवलोकन किया। साथ ही छात्रों ने जयपुर स्थित इस्कॉन गौशाला व श्री संत परमसुख दास जी महाराज आश्रम गौशाला का भ्रमण किया। वहां पर उन्हें गायों की अनेकों प्रजातियों को जानने व देखने का अवसर मिला। इस 7 दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण ने छात्रों को नई संस्कृतियों और परंपराओं से भी परिचित कराया गया।
संस्थान के निदेशक डॉ.मुकेश कुमार शर्मा ने कहा कि "यह शैक्षणिक भ्रमण छात्रों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा तथा समय अनुसार विभिन्न प्रकार की अन्य गतिविधियों को करवाने का मंच प्रदान किया जायेगा। संस्थान का लक्ष्य छात्रों को न केवल सैद्धांतिक ज्ञान प्रदान करना है, बल्कि उन्हें व्यावहारिक अनुभव भी देना है ताकि वे भविष्य में सफल पशु चिकित्सा फ़ार्मासिस्ट बन सकें और समाज के विकास में अपना योगदान दे सकें।"
इस भ्रमण में संस्थान की निदेशिका श्रीमती सरोज कुमारी, समन्वयक डॉ.निशु चौहान एवं स्टाफ मेंबर आशु एवं आँचल विशेष रूप से सम्मिलित थे। छात्रों ने इस शैक्षणिक भ्रमण को बेहद लाभदायक बताया और संस्थान द्वारा प्रदान किए गए इस अवसर के लिए संस्थान का आभार व्यक्त किया।