सुक्खू सरकार को हिमाचल हाईकोर्ट का बड़ा झटका
शिमला, 18 जनवरी (हप्र)
कोर्ट के आदेशानुसार कर्मचारियों के बकाया वित्तीय लाभ जारी न करने के लिए वित्तीय संकट का बहाना बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कंडक्टरों के बकाया वित्तीय लाभ जारी न करने पर एचआरटीसी के खिलाफ यह सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि कोर्ट के निर्णय का अक्षरशः अनुपालन किया जाना जरूरी है, खासकर तब जब निर्णय अंतिम हो गया हो।
न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश राकेश कैंथला की खंडपीठ ने सैकड़ों कंडक्टरों द्वारा दायर अनुपालना याचिकाओं का निपटारा करते हुए स्टेट्स रिपोर्ट हेतु सुनवाई 27 मार्च को निर्धारित करने के आदेश जारी किए। एचआरटीसी द्वारा कोर्ट को बताया गया था कि राज्य सरकार समय-समय पर वेतन, सब्सिडी और पूंजी निवेश के लिए अनुदान सहायता प्रदान करके परिवहन निगम को बचाने की कोशिश कर रही है, परंतु वित्तीय संकट के कारण कोर्ट के आदेशानुसार कंडक्टरों के बकाया वित्तीय लाभ चुकाने में मुश्किल हो रही है। कोर्ट ने अदालती आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय संकट का बहाना बनाने की इजाजत देने से इनकार कर दिया।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि 9 नवंबर 2023 को प्रदेश हाईकोर्ट ने एचआरटीसी के उन ड्राइवरों को 1 साल के बाद नियमित करने के आदेश जारी किए थे जो वर्ष 2003 से 2006 तक अनुबंध के आधार पर हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम द्वारा नियुक्त किए गए थे। हाईकोर्ट ने विभिन्न याचिकाओं का एक साथ निपटारा करते हुए यह स्पष्ट किया था कि इन ड्राइवरों को नियमितिकरण से उपजे सभी सेवा लाभ 30 अप्रैल 2024 तक अदा करने होंगे। यदि 30 अप्रैल 2024 तक यह लाभ नहीं दिए तो देय राशि पर 6 फ़ीसदी ब्याज भी अदा करना होगा। अदालती आदेशों की अनुपालना न होने पर प्रार्थियों को हाईकोर्ट के समक्ष अनुपालना याचिकाएं दायर करनी पड़ी थीं।