हिमाचल बिजली बोर्ड का विधि अधिकारी अवमानना का दोषी करार
शिमला, 17 मई(हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड के विधि अधिकारी को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया है। कोर्ट ने दोषी को अदालत के उठने तक जेल और 2 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। जस्टिस तरलोक सिंह चौहान ने मेसर्ज वर्धमान इस्पात उद्योग द्वारा बिजली बोर्ड के विधि अधिकारी के खिलाफ दायर अवमानना याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश पारित किए।
कोर्ट ने कहा कि विधि अधिकारी होने के नाते कोर्ट में उनके ऐसे आचरण की उम्मीद की जाती है जो उनकी विशेषाधिकार प्राप्त स्थिति के अनुरूप हो। एक विधि अधिकारी होने के नाते एक वकील को हर समय एक सज्जन व्यक्ति के रूप में आचरण करने की आवश्यकता होती है और यह आचरण न्यायिक शक्तियों के साथ निहित किसी भी प्राधिकारी के समक्ष अधिक महत्व रखता है, जब वह उस प्राधिकारी की सहायता के लिए खड़ा होता है। उससे यह उम्मीद की जाती है कि वह अधिकारियों और न्याय प्रशासन के कामकाज में बाधा डालने वाले तरीके से कार्य करने के बजाय न्याय की प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए खड़े होंगे।
मामले के अनुसार प्रार्थी कंपनी ने विधि अधिकारी पर हाईकोर्ट के 19.08.2023 को पारित निर्देशों की जानबूझकर उपेक्षा और अवज्ञा करने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने के लिए याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने इसे हाईकोर्ट की अवमानना पाते हुए उक्त विधि अधिकारी को दोषी को ठहराया।