हिमाचल ने लारजी को नुकसान के बदले मांगे 658 करोड़
प्रतिभा चौहान/ट्रिन्यू
शिमला, 7 अगस्त
हिमाचल प्रदेश सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को 658 करोड़ रुपये की क्षति रिपोर्ट भेजकर, कथित तौर पर डबल-डेकर फोर-लेन सड़क के निर्माण के कारण 126 मेगावाट की लारजी जल विद्युत परियोजना में हुई तबाही के लिए मुआवजे की मांग की है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार नुकसान की रिपोर्ट मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के कार्यालय को भेज दी है। मंडी जिले में एचपी राज्य विद्युत बोर्ड (एचपीएसईबी) द्वारा क्रियान्वित की जा रही इस परियोजना को, 9-11 जुलाई तक राज्य में हुई मूसलाधार बारिश के बाद, अंदर गाद घुसने से व्यापक क्षति हुई थी। हिमाचल का कहना है कि चूंकि उत्पादन बंद कर दिया गया है और दिसंबर से पहले इसके बहाल होने की संभावना नहीं है, इसलिए राज्य को राजस्व में बड़ा नुकसान हो रहा है। नुकसान का आकलन पूर्व मुख्य सचिव और सीएम के सलाहकार राम सुभग सिंह की अध्यक्षता वाली एक टीम ने किया था। हिमाचल का कहना है कि डबल डेकर सड़क के लिए प्राधिकरण ब्यास में 4 मीटर अंदर घुस गया। चूंकि उस समय ब्यास नदी का तल संकरा हो गया था, बाढ़ की संभावना का मुद्दा 2019 में प्राधिकरण के साथ उठाया गया था, लेकिन उसने 'ध्यान नहीं दिया'। लारजी बांध के नीचे नदी की क्षमता 8,500 क्यूमेक है, लेकिन भारी बारिश के बाद परियोजना से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के बाद भी ब्यास का स्तर मात्र 5,600 क्यूमेक्स पर बना हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारी बारिश के बाद ब्यास नदी का जलस्तर सड़क से चार मीटर ऊपर पहुंच गया, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी मात्रा में गाद परियोजना में प्रवेश कर गई।