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Himachal cloudburst: बादल फटने के बाद से लापता 45 लोगों की खोज के लिए चल रहा अभियान

03:31 PM Aug 02, 2024 IST
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शिमला, दो अगस्त (भाषा/एएनआई)

Himachal cloudburst: हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटने से आई बाढ़ के बाद 45 से अधिक लापता लोगों को ढूंढने के लिए बचाव अभियान शुक्रवार को जारी है। इस बीच, राज्य में एक बिजली परियोजना स्थल पर फंसे 33 लोगों को भी सुरक्षित निकाल लिया गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

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कुल्लू जिले के निरमंड, सैंज और मलाना इलाकों में, मंडी के पधर और शिमला जिले के रामपुर में बुधवार को बादल फटने के बाद बाढ़ से पांच लोगों की मौत हो गई और 45 से अधिक लोग लापता हो गए। जिले के मणिकर्ण क्षेत्र में मलाना द्वितीय विद्युत परियोजना में भी 33 लोग फंस गए।

कुल्लू के उपायुक्त तोरुल एस. रवीश ने बताया कि 33 में से 29 लोगों को बृहस्पतिवार की रात और चार लोगों को शुक्रवार की सुबह निकाल लिया गया। बारिश के कारण एक सुरंग की दीवार और रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया और बैराज में पानी आ गया, लेकिन राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और होमगार्ड की टीमें लोगों को बचाने में सफल रहीं।

राष्ट्रीय राजधानी में संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए मंडी लोकसभा सीट से भाजपा सांसद कंगना रनौत ने बादल फटने की घटनाओं में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया और कहा कि दुर्गम इलाकों में लोगों का जीवन कठिन है और हर साल ऐसी आपदाएं उनके दर्द को बढ़ा रहीं हैं।


उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने आश्वासन दिया है कि राज्य को राहत दी जाएगी। मैं हिमाचल के लिए मदद के वास्ते नई दिल्ली में विभिन्न मंत्रालयों में भी जा रही हूं और जल्द ही राज्य का दौरा करूंगी।''

अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल पर सेना, एनडीआरएफ, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, राज्य आपदा मोचन बल, पुलिस और होमगार्ड बचाव अभियान चला रहे हैं। लापता लोगों की खोज के लिए ड्रोन की मदद भी ली जा रही है। सबसे अधिक नुकसान शिमला जिले के रामपुर उपमंडल के समेज क्षेत्र में हुआ हैं। यहां बुधवार रात श्रीखंड महादेव के पास बादल फटने से सरपारा, गानवी और कुर्बन नालों में अचानक बाढ़ आ गई।

समेज पहुंची कुल्लू उपायुक्त ने बताया कि तीन लोग लापता हैं और 15 परिवार प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय, जहां लगभग 100 छात्र पढ़ते थे, क्षतिग्रस्त हो गए हैं और स्कूलों को अन्य स्थान पर चलाने की व्यवस्था की जा रही है।

शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि अचानक बाढ़ आने के कारण शिमला जिले के रामपुर में समेज खुड (नाला) में जलस्तर बढ़ गया, जिससे दो लोगों की मौत हो गई और लगभग 30 लोग लापता हो गए। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को दो लोगों के क्षत- विक्षत शवों के अंग बरामद हुए हैं।

गांधी ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा' से कहा था, ‘‘हमें करीब 100 किलोमीटर क्षेत्र में तलाश करनी है, जिसमें से कुछ क्षेत्र दुर्गम हैं और लापता लोगों का पता लगाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है।'' समेज खुड के उफान में आने से शिमला और कुल्लू जिलों में भी तबाही मची।

एक अन्य स्थानीय निवासी नील दत्त ने कहा ‘‘मेरे ससुर एक परियोजना पर काम कर रहे थे। बीती रात से उनका कोई पता नहीं है। मैं अपने परिजन के साथ उन्हें खोजने के लिए यहां आया हूं।''

खबरों के अनुसार, राज्य में बादल फटने के बाद 20 से अधिक घर, छह दुकानें, चार मुख्य पुल और दो पैदल पुल बाढ़ के पानी में बह गए। प्रभावित क्षेत्रों में सड़क संपर्क बाधित हो गया है। राज्य के आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, 27 जून को मॉनसून के आगमन के बाद से अब तक वर्षाजनित घटनाओं में 73 लोगों की मौत हो चुकी है और राज्य को 649 करोड़ रुपये का नुकसान भी हुआ है।

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