बादल फटने की घटनाओं पर हाईकोर्ट सख्त
शिमला, 2 अगस्त (हप्र)
हिमाचल प्रदेश में एक ही रात में बादल फटने की छः घटनाएं पर्यावरण क्षरण नहीं है तो और क्या है? प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकार से यह सवाल करते हुए स्पष्ट किया कि पर्यावरण से जुड़े मामलों में दिए आदेशों को हल्के में न लिया जाए। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने कहा कि प्रदेश में 31 जुलाई की रात को बादल फटने की 6 घटनाएं झकझोर देने वाली और अप्रत्याशित है। यह प्रकृति की वह चेतवानी है जिसे समय रहते समझना जरूरी है। हमने प्रकृति को गहरा आघात पहुंचाया है। कोर्ट ने कहा कि हमारी देव भूमि हिमाचल के प्रति कानूनी ही नहीं बल्कि नैतिक जिम्मेदारी भी है। कोर्ट ने सभी पक्षकारों और संबंधित स्टेक होल्डर्स को 5 दिनों के भीतर मीटिंग कर मुद्दे पर गंभीरतापूर्वक विचार करने और नीतिगत निष्कर्ष पर पहुंचने के आदेश भी दिए। मामले पर सुनवाई 8 अगस्त को निर्धारित की गई है।