For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

हाई कोर्ट ने पर्यटन विकास निगम से मांगी स्टेटस रिपोर्ट

08:06 AM Jul 04, 2025 IST
हाई कोर्ट ने पर्यटन विकास निगम से मांगी स्टेटस रिपोर्ट
Advertisement

शिमला, 3 जुलाई (हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एचपीटीडीसी को ताजा स्थिति रिपोर्ट के माध्यम से यह स्पष्ट करने को कहा है कि सेवानिवृत कर्मचारियों की बकाया राशि का भुगतान करने के लिए अपने प्रयास में पूरी तरह से सफल हुए हैं या नहीं। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया व न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि निगम को अपनी लाभप्रदता को और बढ़ाने के लिए सभी क्षेत्रों में जहां भी रसोई है, वहां आउटडोर खानपान सेवाएं क्यों नहीं प्रदान करनी चाहिए। कोर्ट ने आदेश दिए कि विभिन्न सरकारी एजेंसियों और व्यक्तियों को सभी बकाया देय राशि भी दी जाए, ताकि निगम की बैलेंस शीट को और मजबूत करने के लिए भुगतान भी सुनिश्चित किया जा सके। कोर्ट ने आदेश दिए कि हलफनामे में यह भी दर्शाया जाए कि वेतनमान और अन्य लाभों के रूप में सेवा लाभ देने के लिए सेवानिवृत्त लोगों को पहले कितनी राशि वितरित की गई थी, जैसा कि हलफनामे में उल्लेख किया गया था कि पिछले दो वर्षों से सेवानिवृत्त लोगों को 37.69 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट की एकल पीठ ने घाटे में चल रहे 9 होटलों को बंद करने और 9 होटलों को 31 मार्च 2025 तक खोलने की सशर्त इजाजत दी थी। इसके बाद पर्यटन निगम की अपील पर खंडपीठ ने होटलों को बंद करने के आदेशों पर अंतरिम रोक लगाई है। एकल पीठ ने 22 नवंबर को 18 में से 9 होटलों को 31 मार्च 2025 तक चलाने की सशर्त इजाजत दे दी थी। कोर्ट ने कहा था कि यदि 31 मार्च तक ये होटल फायदे में नहीं आये और अपना अधिकतम प्रदर्शन नहीं दिखा पाए तो इन आदेशों का पुनः अवलोकन कर उपयुक्त आदेश जारी किए जाएंगे। कोर्ट ने द पैलेस होटल चायल, होटल चंद्रभागा केलांग, देवदार खजियार, होटल भागसू मैक्लोडगंज, लॉग हट्स मनाली, धौलाधार धर्मशाला, होटल मेघदूत कियारीघाट, कुंजुम मनाली और द कैसल नग्गर को 31 मार्च 2025 तक चलाने की इजाजत दी थी।

Advertisement

Advertisement
Advertisement