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गुरुग्राम में हत्या धीमी सुनवाई पर हाईकोर्ट ने मांगा स्पष्टीकरण

10:10 AM Aug 29, 2024 IST

सौरभ मलिक/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 28 अगस्त
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हत्या के एक मामले में मुकदमे की धीमी प्रगति पर गुरुग्राम के एक न्यायिक अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा है। हाईकोर्ट की बेंच ने इस तथ्य पर ध्यान दिया कि मामले में चालान या अंतिम जांच रिपोर्ट सितंबर, 2020 में ही दाखिल कर दी गई थी, लेकिन अभी तक आरोप तय नहीं किए गए। इसके बाद स्पष्टीकरण देने का निर्देश जारी किया गया।
जस्टिस संदीप मौदगिल ने कहा, ‘इस कोर्ट के रजिस्ट्रार (न्यायिक) को गुरुग्राम के संबंधित न्यायिक अधिकारी से रिपोर्ट मांगने का निर्देश दिया जाता है, जो इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं, कि आखिर सुनवाई उचित गति से क्यों नहीं चल रही है।’ यह केस जस्टिस मौदगिल के संज्ञान में तब आया जब हत्या के आरोपी ने 29 मई, 2020 को आईपीसी की धारा 302 और 109 तथा आर्म्स एक्ट के प्रावधानों के तहत गुरुग्राम जिले के न्यू कालोनी पुलिस स्टेशन में दर्ज मामले में नियमित जमानत के लिए तीसरी बार अदालत का रुख किया। जस्टिस मौदगिल ने कहा कि याचिकाकर्ता पहले ही हिरासत में पर्याप्त अवधि (साढ़े तीन साल से अधिक) काट चुका है। उसका नाम एफआईआर में नहीं था और उस पर एकमात्र आरोप कथित अपराध को अंजाम देने के लिए सह-आरोपियों को दो पिस्तौल और कारतूस की आपूर्ति का था।
पीठ ने कहा कि अभियोजन पक्ष के 39 गवाहों में से किसी से भी अब तक पूछताछ नहीं की गई है, जो अदालत के लिए यह अनुमान लगाने के लिए पर्याप्त था कि मुकदमे के निष्कर्ष में काफी समय लगने की संभावना है और याचिकाकर्ता को अनिश्चित काल के लिए सलाखों के पीछे रखने से कोई उद्देश्य हल नहीं होगा। मामले में याचिकाकर्ता को बांड प्रस्तुत करने पर नियमित जमानत पर रिहा करने का भी निर्देश
दिया गया।

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