हाईकोर्ट का मिड डे मील कार्यकर्ताओं को 12 माह का वेतन देने के आदेश
शिमला, 15 मई (हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे मिड डे मील कार्यकर्ताओं को बड़ी राहत देते हुए उन्हें 2 माह की छुट्टियों का वेतन देने के आदेश जारी किए। इन्हें सरकार केवल 10 महीनों का वेतन ही देती थी। मिड डे मील कार्यकर्ताओं के संघ ने पूरे साल का वेतन मांगते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने संघ की याचिका को स्वीकारते हुए सरकारी स्कूलों में हजारों की संख्या में तैनात किये गए “मिड डे मील वर्कर” को दस माह के बजाय बारह महीने का वेतन दिए जाने के आदेश दिए थे। इन आदेशों को सरकार ने खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी थी जिसे न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश न्यामूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने खारिज कर दिए। कोर्ट ने शिक्षा विभाग को आदेश दिए कि वह “ मिड डे मील वर्कर” को पूरी साल का वेतन दें। सरकार का कहना था कि यह केंद्र सरकार की स्कीम है। इसलिए प्रदेश सरकार इस योजना के तहत अपने स्तर पर इन्हें पूरे साल का वेतन नहीं दे सकते। इस दलील को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि जब प्रदेश सरकार अपने स्तर पर इन वर्करों के वेतन को बढ़ा सकती है तो पूरे साल का वेतन क्यों नहीं दे सकती। याचिका में आरोप लगाया गया था कि शिक्षा विभाग प्रार्थी यूनियन के साथ भेदभाव कर रहा है। शिक्षा विभाग में कार्यरत गैर शिक्षक कर्मचारियों को भी पूरी साल का वेतन दिया जाता है लेकिन उन्हें दस ही महीनों का वेतन दिया जा रहा है।
हाई कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि शिक्षा विभाग ‘मिड डे मील वर्कर’ के साथ भेदभाव नहीं कर सकता।