ज्वालाजी के लूथन राधे कृष्णा गौ अभ्यारण्य पर सरकार को हाईकोर्ट का नोटिस
शिमला, 23 नवंबर (हप्र)
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने साढ़े 3 करोड़ रुपए की लागत से कांगड़ा जिले में बनाए राधे कृष्णा गौ अभ्यारण्य लूथन को बंद करने की मांग से जुड़े मामले पर सरकार को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पवन कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करने के पश्चात प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया। प्रार्थी ने मुख्य सचिव सहित पशु पालन विभाग के सचिव, वन सचिव और गौ सेवा आयोग के निदेशक, केंद्रीय पशु पालन विभाग के सचिव और एनिमल वेलफेयर बोर्ड को प्रतिवादी बनाया है। कोर्ट ने इन प्रतिवादियों को दो सप्ताह के भीतर याचिका का जवाब दायर करने के आदेश दिए। मामले में दिए तथ्यों के अनुसार 23 जनवरी, 2019 को प्रदेश सरकार ने राज्य को आवारा पशु मुक्त करने के लिए प्रत्येक जिले में कम से कम एक पशु अभ्यारण्य स्थापित करने बारे दिशानिर्देश तय किए थे। 31 जुलाई, 2020 को पशु विभाग अभ्यारण्यों में पशुओं की देखरेख संबंधी एसओपी जारी की गई। 7 अप्रैल, 2021 को एक और एसओपी जारी कर गौ सदनों की कार्यप्रणाणी तय की।
20 जनवरी, 2022 को सरकार ने ज्वालाजी के लूथन में राधे कृष्णा गौ अभ्यारण्य स्थापित करने का निर्णय लिया। इसके बाद साढ़े 3 करोड़ रुपए की लागत से यह अभ्यारण्य स्थापित किया गया। दो साल में वहां 1310 आवारा गायों को रखा गया और इन्हीं दो वर्षों में 1200 गाएं कुपोषण और बीमारी से मारी गईं। 19 अक्तूबर 2023 को भी एक ही दिन में 15 गाएं मारी गईं। प्रार्थी ने इस अभ्यारण्य को लूथन में बंद कर किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर स्थापित करने के आदेशों की मांग की है। मामले पर सुनवाई 4 दिसंबर को निर्धारित की गई है।