हाईकोर्ट ने एंटी करप्शन ब्यूरो को दी केस दर्ज करने की अनुमति
चंडीगढ़, 12 फरवरी (ट्रिन्यू)
कांग्रेस के तीन पूर्व विधायकों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला, जरनैल सिंह और नरेश सेलवाल के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की अनुमति एंटी करप्शन ब्यूरो को दे दी है। पूर्व की हुड्डा सरकार के समय छह विधायकों के स्टिंग ऑपरेशन की सीडी मीडिया में जारी की गई थी। सीडी के आधार पर इन विधायकों पर सीएलयू (भूमि उपयोग परिवर्तन) के बदले सौदेबाजी करने के आरोप लगाए गए थे।
हुड्डा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे राव नरेंद्र सिंह तथा उस समय मुख्य संसदीय सचिव रहे विनोद भ्याना और रामकिशन फौजी के अलावा नरेश सेलवाल, रामनिवास घोड़ेला और जरनैल सिंह की सीडी वायरल हुई थी। इस मामले में जांच के बाद हरियाणा पुलिस द्वारा विनोद भ्याना को क्लीन-चिट दी जा चुकी है। भ्याना वर्तमान में हांसी से भाजपा विधायक हैं। रामकिशन फौजी और राव नरेंद्र सिंह के खिलाफ पुलिस पहले ही केस दर्ज करके जांच कर रही है। दोनों को वॉयल सैम्पल के लिए नोटिस भी दिए गए, लेकिन वे पहुंचे नहीं।
वर्तमान में जो पांच पूर्व विधायक सीएलयू के बदले सौदेबाजी करने के आरोपों का सामना कर रहे हैं वे पांचों ही 2024 में विधानसभा चुनाव लड़ने की भी तैयारी कर रहे हैं। चुनावों से ठीक रहने पुलिस की कार्रवाई ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। दरअसल, हरियाणा पुलिस पांचों पूर्व विधायकों के वॉयल सैम्पल लेना चाहती है ताकि जांच को आगे बढ़ाया जा सके। पुलिस ने पूर्व विधायकों पर जांच में सहयोग नहीं करने के आरोप लगाए। हाईकोर्ट की मंजूरी के बाद अब पुलिस बिना वॉयस सैम्पल के अपनी जांच आगे बढ़ा सकेगी।
कांग्रेस राज में इन छह विधायकों के सीडी वायरल होने के बाद इनकी शिकायत लोकायुक्त को की गई। लोकायुक्त ने इस मामले में केस दर्ज करने के आदेश दिए। कांग्रेस सरकार ने लोकायुक्त की रिपोर्ट को गंभीरता से नहीं लिया। मनोहर लाल के नेतृत्व में अक्तूबर-2014 में भाजपा की सत्ता आने के बाद सीएलयू मामले में कार्रवाई की गई। एंटी करप्शन ब्यूरो ने 29 जनवरी, 2016 को नरेश सेलवाल, राव नरेंद्र सिंह, जरनैल सिंह व रामनिवास घोड़ेला के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
वॉयस सैंपल के बगैर चालान पेश करने को कहा
मामले में हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई। जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान विगत दिवस पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में हरियाणा के आईजी (क्राइम) कुलविंदर सिंह ने कहा कि रामनिवास घोड़ेला, नरेश सेलवाल और जरनैल सिंह नोटिस के बाद भी वॉयस सैम्पल में सहयोग नहीं कर रहे हैं। हरियाणा सरकार ने आरोपियों की गिरफ्तारियों पर लगी रोक हटाने के लिए अर्जी दायर की थी। इस पर हाईकोर्ट ने कहा था कि आरोपियों के वॉयस सैम्पल के बिना जांच करके चालान पेश किया जाए।