तकनीकी शिक्षा मंत्री धर्माणी के खिलाफ मानहानि मामला हाई कोर्ट ने किया रद्द
शिमला, 6 अक्तूबर (हप्र)
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश कुमार धर्माणी के खिलाफ चल रहे मानहानि आपराधिक मामले को रद्द कर दिया है। 11.09.2017 को उक्त मामले में जेएमएफसी कोर्ट नंबर II, घुमारवीं ने प्रार्थी के खिलाफ प्रोसेस जारी करने के आदेश पारित किए गए थे, जिसे प्रार्थी ने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका के माध्यम से चुनौती दी थी। न्यायाधीश संदीप शर्मा ने धर्माणी द्वारा दायर याचिका को स्वीकार करते हुए इस मामले से संबंधित तमाम कार्यवाही को रद्द करने का निर्णय सुनाया।
कोर्ट ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि कथित मामला धारा 499 में दर्शाए अपवादों के दृष्टिगत मानहानि के अपराध के दायरे से बाहर है। तकनीकी आधार व आरोप की प्रकृति के दृष्टिगत भी निचली अदालत के आदेश में खामियां पाई गई जिन्हें प्रोसेस जारी करने से पहले कानूनी तौर पर जांचना परखना अति आवश्यक था। कोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष मामले में कार्यवाही को आगे जारी रखना न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग होगा।
ज्ञान चंद धीमान ने प्रार्थी धर्माणी व प्रतिवादी सुरम सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 500, 120-बी और 34 के तहत निजी आपराधिक शिकायत दायर की थी । प्रार्थी धर्माणी उस समय मुख्य संसदीय सचिव के रूप में कार्यरत थे। शिकायत के अनुसार 30.12.2012 को प्रतिवादी सुरम सिंह प्रार्थी से मिला और शिकायतकर्ता के खिलाफ यह आरोप लगाया कि उसने स्कूल के प्रधानाचार्य होते हुए जानबूझकर एसबीआई से सेवानिवृत्त वरिष्ठ प्रबंधक ख्याली राम शर्मा को स्कूल के वार्षिक समारोह में आमंत्रित किया। ख्याली राम शर्मा ने कार्यक्रम के दौरान सरकार के साथ-साथ सत्ताधारी पार्टी की नीतियों का भी विरोध किया।