HHRC का बच्चों की सुरक्षा पर बड़ा फैसला पर, स्कूलों से हटेंगी हाई टेंशन तारें
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 10 जून
हरियाणा मानव अधिकार आयोग (HHRC) ने स्कूल परिसरों के ऊपर से गुजरने वाली हाई टेंशन बिजली लाइनों को बच्चों के जीवन और शिक्षा के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन मानते हुए इन्हें हटाने का सख्त आदेश जारी किया है। आयोग ने इसे मानवाधिकारों का गंभीर हनन माना है और सरकार को दो महीने में ठोस कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने को कहा है।
स्वतः संज्ञान मामले संख्या 526/3/2019 में आयोग ने पाया कि वर्ष 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में फैसला लिया गया था कि सरकारी स्कूलों, पॉलिटेक्निक संस्थानों, सिविल अस्पतालों और पशु चिकित्सालयों के ऊपर से गुजरने वाली हाई वोल्टेज लाइनें हटाई जाएंगी। लेकिन 12 साल बाद भी यह आदेश कागज़ों से बाहर नहीं निकला।
सख्त आदेश, सख्त समयसीमा
आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा और सदस्य कुलदीप जैन व दीप भाटिया ने स्पष्ट किया कि अब और देरी नहीं चलेगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव (पावर), डीएचबीवीएन, यूएचबीवीएन, एचवीपीएनएल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा और प्रारंभिक शिक्षा महानिदेशक को दो महीने के भीतर विस्तृत प्रगति रिपोर्ट पेश करनी होगी। यह रिपोर्ट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 6 अगस्त 2025 को सुनवाई के दौरान प्रस्तुत की जाएगी।
बच्चों की सुरक्षा को रहता है खतरा
आयोग ने चिंता जताई कि हजारों बच्चे हर दिन ऐसे स्कूलों में पढ़ने जाते हैं जहां उनके सिर के ऊपर से मौत की तारें गुजरती हैं। यह संविधान के अनुच्छेद 21 और संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार संधि का सीधा उल्लंघन है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि 2013 के फैसले को ही लागू किया जाना चाहिए, और 2022 में अगर कोई विरोधाभासी नीति बनी भी हो, तो वह लागू नहीं होगी।
आयोग के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा ने बताया कि यह आदेश सभी संबंधित अधिकारियों को भेज दिया गया है और आगामी सुनवाई 6 अगस्त 2025 को होगी।