हेमसा का प्रतिनिधिमंडल 28 को सौंपेगा डायरेक्टर को नोटिस
पंचकूला, 25 दिसंबर (हप्र)
सरकार व शिक्षा विभाग के अड़ियल रवैये से खफा फील्ड मिनिस्ट्रियल स्टाफ कर्मियों ने लामबंंद होकर चरणबद्ध आंदोलन का बिगुल बजा दिया है। आंदोलन के प्रथम चरण में जिला स्तर पर विस्तृत मीटिंग कर डीईओ की मार्फत नोटिस भेजे गए थे। द्वितीय चरण में 28 दिसंबर को राज्य कमेटी का प्रतिनिधिमंडल निदेशक को अपनी मांगों का नोटिस सौपेंगा और 10 जनवरी को शिक्षा सदन पंचकूला पर हल्ला बोल प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ ही सांझी मांगों को लेकर सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर 4 फरवरी को रोहतक में होने वाले आक्रोश रैली में भी बड़ी संख्या में भाग लेंगे।
हरियाणा एजुकेशन मिनिस्ट्रियल स्टाफ एसोसिएशन राज्य कोर कमेटी की ओर से प्रदेशाध्यक्ष संदीप सांगवान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष उदयभान यादव, उपाध्यक्ष बलबीर कुम्हारिया, महासचिव हितेंद्र सिहाग, कोषाध्यक्ष मुकेश खरब, प्रचार सचिव सुजान मालड़ा ने कहा कि शिक्षा विभाग में कार्यरत मिनिस्ट्रियल स्टाफ कर्मियों की मांगों को अनसुना कर रद्दी की टोकरी में डाल दिया जाता है। शिक्षा मंत्री के साथ हुए समझौते को भी 16 माह बीत जाने के बाद भी लागू नहीं किया गया। भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार पेपरलैस ऑफिस, स्टॉफिंग पॉलिसी, एनईपी लागू कर रोजगार को भी समाप्त कर रही है। नियमों को ताक पर रखकर जबरन टीचर ट्रांसफर पॉलिसी थोंपकर मामूली वेतन प्राप्त क्लर्को को दूरदराज स्थानांतरित कर घर से बेघर कर दिया है। तीन साल बीत जाने के बाद भी समायोजन नहीं हुआ। सरकार की रीढ़ कहलाने वाले कर्मियों पर दोहरी मार पड़ रही है। सरकार व अफसरशाही का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। मिनिस्ट्रियल स्टाफ कर्मियों से दिन-रात गुलामों की तरह काम लिया जा रहा है। नौकरी में आने से पहले टेस्ट, वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए टेस्ट और अब थोंप दिया प्रमोशन के लिए भी टेस्ट। दफ्तरों में वर्कलोड बढ़ रहा है, नई भर्तियां नहीं नहीं हो रही, एक क्लर्क को तीन-तीन सीटों पर काम करना पड़ता है। इसीलिए अब कर्मियों ने कमर कस ली है तथा इस अन्याय व शोषण के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आंदोलन का ऐलान किया है।