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हिमाचल कांगड़ा और चम्बा में भारी बारिश

07:58 AM Jul 20, 2023 IST

शिमला, 19 जुलाई (निस)
हिमाचल प्रदेश में मानसून ने फिर रफ्तार पकड़ ली है। चम्बा और कांगड़ा ज़िलों में मॉनसून के लगातार भारी से बहुत भारी वर्षा हो रही है। इसके चलते चम्बा ज़िला में सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। चम्बा ज़िला में अधिकांश सड़कें बन्द हो गई हैं और जिला में नदी नाले उफान पर हैं। हिन्दुस्तान-तिब्बत मार्ग शिमला से आगे शिलारू के समीप लगातार भूस्खलन होने कारण अस्थाई रूप से बाधित हो गया है। शिमला ज़िला पुलिस ने लोगों से यात्रा करने के लिये वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने को कहा है। चंबा जि़ला में आज सुबह से हो रही भारी वर्षा के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त है और चंबा-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग कांदू के पास अवरूद्ध है जबकि चंबा-पठानकोट वाया जोत मार्ग भी कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण बंद हो गया है। वर्षा के कारण रावी नदी का जलस्तर भी बढ़ गया है। चंबा जि़ला के पहाड़ी इलाकों में भी भारी वर्षा हो रही है। इसके चलते वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह विराम लग गया है। जि़ले का चंबा-तीसा मुख्य मार्ग जगह-जगह भूस्खलन के कारण बंद हो गया है। चम्बा हेलीपैड के नीचे हाल ही में हुए भारी भूस्खलन के चलते जहां मार्ग बंद हो गया है वहीं बिजली लाइन क्षतिग्रस्त होने से कई इलाकों में बिजली भी ठप हो गई है।
लाहौल स्पीति के जहालमा नाले में लगातार आ रही बाढ़ और भूस्खलन से पट्टन घाटी में करीब 40 बीघा खेत और बागान बाढ़ के पानी मे बह गए हैं। जहालमा नाले में बाढ़ आने से चन्द्रभागा नदी का जलस्तर बढ़ने से जोबरंग, जसरथ, हालिंग, फुडा और ताडंग में खेत और सेब के बगीचे भूस्खलन की चपेट में आए है।
लाहौल घाटी के तांदी-संसारी नाला सड़क मार्ग पर हो रहे लगातार भूस्खलन के चलते इस सड़क के बंद होने का खतरा बढ़ गया है। भारी वर्षा व भूस्खलन के कारण मंडी से पंडोह होकर कुल्लू जाने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग आज सभी प्रकार के वाहनों के लिए बहाल कर दिया गया है। कुल्लू के लिए वाया कटौला होकर जाने वाला मार्ग अब सागली के पास भूस्खलन के कारण बंद हो गया है।
मौसम विभाग का रेड और ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ने आज चंबा और कांगड़ा जि़लों में आज कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार बिलासपुर, सोलन, शिमला, सिरमौर, ऊना, हमीरपुर और मंडी जि़लों में इस दौरान अधिकांश स्थानों पर वर्षा का क्रम जारी रहेगा। विभाग ने आगामी 23 जुलाई तक राज्य के 7 जि़लों में भारी वर्षा का येलो अलर्ट भी जारी किया है।

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नुकसान का जायजा : पहले दिन मंडी और सोलन के क्षेत्रों का किया दौरा
हिमाचल प्रदेश में 7 से 11 जुलाई तक भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन के कारण आई प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान का जायज़ा लेने के लिए केन्द्रीय अंतर मंत्रालय दल ने नुकसान का जायजा लेना शुरू कर दिया है। इस दल का नेतृत्व राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण के वित्तीय सलाहकार रविनेश कुमार कर रहे हैं। केंद्रीय टीम ने मंडी के थुनाग, पंडोह, औट और बालीचौकी क्षेत्र का दौरा किया जहां 9-10 जुलाई को भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। टीम ने क्षतिग्रस्त मकानों-दुकानों का निरीक्षण करने के साथ-साथ प्रभावित परिवारों से बातचीत भी की। इसके अलावा उन्होंने सड़क, पुल, पेयजल और विद्युत समेत अन्य परियोजनाओं को पहुंचे नुकसान का आकलन किया। इस दौरान अंतर मंत्रालयी केंद्रीय दल के टीम लीडर एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के वित्तीय सलाहकार रविनेश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार के निर्देशों पर उनकी 8 सदस्यीय टीम हिमाचल में बारिश और बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन कर रही है। इस टीम को 4-4 सदस्यों के साथ दो भागों में बांटा है। जिसमें एक टीम मंडी, कुल्लू के दौरे पर है, वहीं दूसरी सोलन, शिमला और किन्नौर जिलों का दौरा कर नुकसान का जायजा ले रही है। यह टीम हिमाचल में क्षति का जायजा लेने के बाद केंद्र सरकार को यहां की वस्तुस्थिति से अवगत कराएगी। जिसके बाद केंद्र सरकार मुआवजे पर फैसला लेगी। केन्द्रीय अंतर मंत्रालय दल द्वारा आज सोलन ज़िला में भी भारी वर्षा के कारण प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर नुकसान का आकलन किया गया। दल ने आज सोलन ज़िला के परवाणु, कामली, कोटी, जाबली, धर्मपुर, सिहारड़ी, सुल्तानपुर, रून्दन घोडों, क्यार और शामती में भारी वर्षा के कारण हुए नुकसान का जायज़ा लिया। दल ने राष्ट्रीय उच्च मार्ग 05 पर हुई क्षति की विस्तृत जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर परवाणु में नगर परिषद की अध्यक्ष निशा शर्मा ने पार्षदों सहित टीम से मुलाकात की और उन्हें नुकसान का विस्तृत ब्यौरा दिया।

5 एनएच और 607 सड़कें अभी भी बन्द
प्रदेश में भारी वर्षा व भूस्खलन से अभी भी 5 राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 607 सड़कें अवरूद्ध हैं। इसके अलावा बिजली के 1115 ट्रांसफार्मर और 543 पेयजल योजनाएं भी काम नहीं कर रही हैं। लाहौल स्पीति के चंद्रताल सहित विभिन्न इलाकों में भारी वर्षा और बाढ़ के कारण फंसे भेड़पालक सुरक्षित हैं। जिला प्रशासन द्वारा सभी भेड़पालकों तक खाद्यान्न और दवाइयां पहुंचाने के लिए भेजे गए राहत व बचाव दल इन भेड़ पालकों तक पहुंच गए हैं। उपायुक्त राहुल कुमार ने कहा कि भेड़पालकों की वायु सेना के हेलीकॉप्टर के माध्यम से भी रेकी की जायेगी। उन्होंने कहा कि भेड़पालकों को हुए नुकसान का आंकलन कर जल्द राहत प्रदान की जाएगी।

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कांगड़ाचम्बाबारिशहिमाचल