हीटवेव अब कोई असामान्य घटना नहीं : किंगरा
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 10 जून (हप्र)
शहर में हीटवेव और कृषि पर केंद्रित एक मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें 50 से अधिक पत्रकारों, कृषि वैज्ञानिकों और जलवायु विशेषज्ञों ने भाग लिया। कार्यशाला का उद्देश्य पंजाब की कृषि पर अत्यधिक गर्मी और असमान वर्षा के बढ़ते प्रभाव को गहराई से समझना था।
चंडीगढ़ प्रेस क्लब में मंगलवार को आयोजित कार्यशाला में यह पहल पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी और क्लीन एयर पंजाब जैसे अग्रणी सरकारी संस्थानों के सहयोग से चलाई गई। कार्यशाला का उद्घाटन चंडीगढ़ प्रेस क्लब के प्रेजिडेंट सौरभ दुग्गल ने किया। पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर इंजीनियर प्रितपाल सिंह ने कहा कि जब पंजाब जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना कर रहा है, ऐसे समय में यह अत्यंत आवश्यक है कि मीडिया साझेदार इन मुद्दों को स्पष्टता और गहराई के साथ रिपोर्ट करने में सक्षम हों। विज्ञान आधारित पत्रकारिता न केवल आम जनता को जागरूक बना सकती है, बल्कि नीति-निर्माताओं को भी सही और सूचित निर्णय लेने में मदद कर सकती है।
पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (पीएयू) के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख एवं प्रोफेसर डॉ. पी.एस. किंगरा ने कहा कि हीटवेव अब कोई असामान्य घटना नहीं रही । यह अब सामान्य स्थिति बनती जा रही है। ये चरम मौसमी घटनाएं पहले से ही फसलों को नुकसान पहुंचा रही हैं। मिट्टी की नमी तेजी से घटा रही है और किसानों को गंभीर तनाव में डाल रही हैं। पीएयू की प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. प्रभज्योत कौर ने डेटा-आधारित रिपोर्टिंग की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। कार्यशाला में जलवायु डेटा, हीटवेव के रुझान, गेहूं व धान जैसी प्रमुख फसलों पर असर, जल संकट और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े विषयों पर प्रस्तुतियां दी गईं।