For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

मौत के बाद भी जिंदा रहा 'दिल': 46 वर्षीय युवक के अंगों ने दी बुजुर्ग को नई जिंदगी

06:29 PM May 02, 2025 IST
मौत के बाद भी जिंदा रहा  दिल   46 वर्षीय युवक के अंगों ने दी बुजुर्ग को नई जिंदगी
Advertisement

चंडीगढ़  2 मई  (ट्रिन्यू)

Advertisement

एक परिवार ने अपने गहरे दुख को उम्मीद में बदला और किसी अजनबी को नई जिंदगी दे दी। फोर्टिस अस्पताल, मोहाली में 46 वर्षीय ब्रेन डेड युवक के अंगों ने 52 वर्षीय मरीज को मौत के मुंह से खींच लाकर जिंदगी की नई राह दिखा दी।

यह ट्रांसप्लांट अस्पताल के 10वें कैडावर ऑर्गन डोनेशन केस के रूप में दर्ज हुआ, जिसमें मृतक युवक का लीवर और एक किडनी मोहाली में सफलतापूर्वक ट्रांसप्लांट की गई, जबकि दूसरी किडनी एक अन्य अस्पताल को दी गई। दाता की दोनों आंखें PGIMER, चंडीगढ़ को दान की गईं, जो अब दो लोगों को रोशनी देने की राह पर हैं।

Advertisement

जिन्हें यह नया जीवन मिला, वे पिछले तीन वर्षों से पुरानी लीवर की बीमारी से जूझ रहे थे। हालत इतनी गंभीर थी कि उन्हें बार-बार पैरासेंटेसिस (पेट से पानी निकालना) कराना पड़ता था। लेकिन जब डॉ. मिलिंद मण्डावर और डॉ. साहिल रैली के नेतृत्व में लीवर और किडनी ट्रांसप्लांट किया गया, तो मौत के साये में जी रहा यह मरीज फिर से सामान्य जीवन की ओर लौट आया

दाता युवक को तीव्र ब्रेन स्ट्रोक के बाद अस्पताल लाया गया था। डॉक्टरों की चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति ने नियमानुसार दो बार जांच के बाद उसे ब्रेन डेड घोषित किया। 14 दिन ICU में रहने के बाद जब परिवार ने अंगदान का फैसला लिया, तो यह कदम किसी चमत्कार से कम नहीं था।

अंगदान: जहां एक मौत, कई जिंदगियों को बचा सकती है

डॉ. रैली ने बताया कि अंगदान एक संवेदनशील लेकिन बेहद जरूरी प्रक्रिया है। “अच्छे दानकर्ता का चयन, सर्जरी की जटिलता और मरीज की स्थिति — सब कुछ बहुत बारीकी से संभालना होता है। लेकिन अगर सब सही हो जाए तो यह सर्जरी किसी की पूरी जिंदगी बदल सकती है।”

हर साल 4 लाख मरीज अंगों की कमी से मरते हैं

डॉ. मण्डावर ने कहा, “लीवर ट्रांसप्लांट अंतिम स्टेज के मरीजों का एकमात्र विकल्प है। लेकिन देश में जागरूकता की भारी कमी है। हर साल हजारों जिंदगियां सिर्फ इसलिए खत्म हो जाती हैं क्योंकि उन्हें समय पर अंग नहीं मिलते।” उन्होंने लोगों से अंगदान पंजीकरण कराने और अपने परिजनों से अपनी इच्छाएं साझा करने की अपील की।

Advertisement
Advertisement