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स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर बचा जा सकता है हृदय रोगों से : डॉ. टी.एस. महंत

10:34 AM Oct 16, 2024 IST
युवाओं में हृदय रोग की बढ़ती समस्या के बारे में जानकारी देते विशेषज्ञ।

चंडीगढ़, 15 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
भारत में हृदय रोगों के बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। 30 से 40 वर्ष की उम्र के युवा तेजी से हृदय संबंधी बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार शहरी जीवनशैली, तनाव, और अस्वास्थ्यकर आदतें इस समस्या के प्रमुख कारण हैं। फोर्टिस अस्पताल, मोहाली के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और हेड-कार्डियक सर्जरी डॉ. टी.एस. महंत ने इस पर प्रकाश डालते हुए कहा, ‘परामर्श के लिए आने वाले 50% से अधिक हृदय रोगी 50 वर्ष से कम उम्र के हैं। यह संकेत है कि हृदय रोग तेजी से युवाओं को प्रभावित कर रहे हैं, खासकर शहरी क्षेत्रों में।’
उन्होंने बताया कि शहरी जीवनशैली और अस्वास्थ्यकर आहार युवा हृदय रोगियों की संख्या बढ़ा रहे हैं। 35-45 वर्ष की उम्र के मरीजों में देरी से निदान और लक्षणों की अनदेखी के कारण स्थिति गंभीर हो जाती है। डॉ. महंत ने यह भी बताया कि युवा पुरुषों के साथ अब महिलाओं में भी धूम्रपान और मोटापे के कारण हृदय रोगों के मामले बढ़ रहे हैं। डॉ. महंत ने फोर्टिस अस्पताल में इलाज किए गए कुछ गंभीर मामलों का उदाहरण देते हुए बताया कि 24 वर्षीय एक किसान को गंभीर कोरोनरी धमनी रोग था। उनका सफल बाईपास सर्जरी के बाद इलाज हुआ। इसी तरह 30 वर्षीय मरीज को दिल का दौरा पड़ा था, जिसका भी सफल इलाज हुआ।
उन्होंने यह भी बताया कि नवजात शिशु और बच्चे भी हृदय रोगों से प्रभावित हो रहे हैं। जन्मजात हृदय रोग (सीएचडी) एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, खासकर वृद्ध दंपत्तियों से पैदा हुए बच्चों में इस बीमारी के मामले अधिक पाए जा रहे हैं। रोकथाम पर जोर देते हुए डॉ. महंत ने कहा, ‘संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और धूम्रपान से बचाव हृदय रोग से बचने के लिए महत्वपूर्ण हैं। रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और शुगर की नियमित जांच करानी चाहिए। यदि किसी को सीने में दर्द या सांस फूलने जैसे लक्षण महसूस हों, तो तत्काल चिकित्सीय परामर्श लें।’

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हृदय रोग से बचाव के प्रमुख उपाय

ताजे फल, सब्जियां और कम वसा वाले आहार का सेवन करें। रोज़ाना 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि हृदय को मजबूत बनाए रखती है। धूम्रपान हृदय रोग का एक प्रमुख कारण है, इसे तुरंत छोड़ें। नियमित रूप से ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और शुगर की जांच कराएं। योग, ध्यान और श्वसन व्यायाम से तनाव को नियंत्रित करें।

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