ईवीएम और वीवीपैट के मामले शीघ्र सुनें
नयी दिल्ली, 1 सितंबर (एजेंसी)
निर्वाचन आयोग ने 6 राज्यों के विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल की गई ईवीएम और वीवीपैट मशीनों के मामले में शीघ्र सुनवाई करने का सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को अनुरोध किया। इन मशीनों का अभी इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है, क्योंकि एक आदेश के तहत कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान चुनाव याचिका सहित याचिकायें दायर होने के कारण इन्हें संरक्षित रखने की समय सीमा बढ़ा दी गयी थी।
चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस ए एस बोपन्ना की 3 सदस्यीय पीठ के समक्ष आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कहा कि बड़ी संख्या में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल मशीन (वीवीपीएटी) का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है, जबकि आगामी चुनावों के लिये आयोग को इनकी जरूरत है। पीठ ने सिंह का कथन सुनने के बाद कहा कि इस याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई की जायेगी।
चुनाव याचिका की समय सीमा तय की जाए
असम, केरल, दिल्ली, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव से संबंधित चुनाव याचिकाएं दाखिल करने के लिए एक समय सीमा निर्धारित करने का भी पीठ से अनुरोध किया गया। विकास सिंह ने कहा, ‘हमें इन ईवीएम तथा वीवीपैट मशीनों को ठीक करना होगा और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड तथा पंजाब जैसे राज्यों में चुनाव के मद्देनजर इस याचिका पर सुनवाई आवश्यक है।’ पीठ ने कहा, ‘ठीक है, हम इस पर अगले सप्ताह सुनवाई करेंगे।’ कोविड के मद्देनजर चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ ने 27 अप्रैल 2021 को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत चुनाव याचिकाओं सहित अन्य याचिका दायर करने के लिए वैधानिक अवधि में ढील दी थी। इसके परिणामस्वरूप, कोई भी व्यक्ति अभी भी निर्वाचित प्रत्याशी के चुनाव को चुनौती दी सकता है और निर्वाचन आयोग को साक्ष्य के रूप में इन मशीनों को संरक्षित रखना होगा।