बाल पाठकों के लिए सेहत के गुर
कविता राज
बाल साहित्यकार घमंडीलाल अग्रवाल की पुस्तक ‘सब्जियां खाओ, स्वास्थ्य बनाओ’ बच्चों और बाल-कविताओं के शौकीन पाठकों के लिए हाल ही में आई है। 44 अलग-अलग सब्जियों और उन कच्चे फलों के बारे में जिन्हें सब्जी के तौर पर खाया जाता है, कवि ने उनके नाम और गुणों से लेकर उनकी उत्पत्ति और पैदावार की जानकारी दी है।
रचनाकार द्वारा रचित 96 पन्नों की इस किताब में हर सब्जी का राजा कहलाने वाले आलू से लेकर सरसों, कुंदरू, साग और राजमा जैसी उन गुणकारी सब्जियों के बारे में बताया है जिन्हें रसोई में अलग-अलग तरह से इस्तेमाल कर इनमें मौजूद विटामिन, आयरन और कैल्शियम जैसे तत्वों की मदद से सेहतमंद रहा जा सकता है।
इसके अलावा ऐसे फलों और सब्जियों के बारे में जानकारी कविता के माध्यम से दी है, जिसे आज बच्चे पहचानते तक नहीं। मसलन चीन, रूस, अमेरिका से आया आलू किस तरह से 51 प्रजातियों के साथ सभी सब्जियों का राजा है। वहीं महाराष्ट्र के खेतों से निकला प्याज कैसे देश से निकलकर विदेशों की रसोई में जगह बना गया। अफ्रीका से आयी लौकी भारत में घीया बनकर घर-घर में परोसी जाती है। बच्चों को समझाने की कोशिश की गई है कि इन सब्जियों को खाने के क्या फायदे हैं। मसलन विटामिन ए, बी, सी से भरपूर, आयरन व कैल्शियम का खजाना रसीले टमाटर और हरे मटर खाने से शरीर के साथ मन भी तंदुरुस्त रहता है। इसी तरह पुर्तगाल से आयी पत्ता गोभी के गुणों, जंगलों से लेकर फार्म में उगाये जाने वाले मशरूम यानी खुंबी की जानकारी कविताओं के जरिये दी गई है।
रचनाकार ने विभिन्न सब्जियों की उपयोगी जानकारी कविता के माध्यम से बाल पाठकों को सरलता और रोचकता के साथ समझाने की कोशिश की है।
पुस्तक : सब्जियां खाओ, स्वास्थ्य बनाओ रचनाकार : घमंडीलाल अग्रवाल प्रकाशक : सुयोग्य प्रकाशन, नयी दिल्ली पृष्ठ : 120 मूल्य : रु. 95.