Health sector in India-2025 चिकित्सा जगत में बदलाव की उम्मीद जगाता साल
बेहतर स्वास्थ्य तंत्र की खासियतें हैं कि चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता हो, वे किफायती हों व आमजन की आसान पहुंच में हों। विशेषज्ञों के अनुमान हैं कि आगामी साल हेल्थ बजट, जन आरोग्य संबंधी कार्यक्रमों, स्वास्थ्य देखभाल, इन्फ्रास्ट्रक्चर, मेडिटेक के उपयोग व नवाचारों के मामले में बेहतरी व विस्तार की ओर अग्रसर होगा। वहीं जन जागरूकता के चलते पर्सनल न्यूट्रीशन व फिटनेस के कारोबार का विस्तार होगा।
एस.श्रीवास्तव
सेहत के संदर्भ में यह साल सुखद सफलताओं वाला और भविष्य के प्रति सुनहरे संकेतों वाला रहेगा। इस साल स्वास्थ्य के बाज़ार, इन्फ्रास्ट्रक्चर तथा सेवाओं में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ इसके एफोर्डेबल होने और आमजन तक और बेहतर पहुंच की उम्मीद लगाई जा सकती है।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई कारणों से 2025, पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले अनूठा साबित होने वाला है। उम्मीद है यह वर्ष राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के मुख्य उद्देश्य, सभी को उचित लागत पर उत्कृष्ट गुणवत्ता वाली बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की सार्वभौमिक पहुंच को चरितार्थ करता दिखेगा। कार्यक्रमों, बढ़ते नवाचार, निजी निवेश एवं तकनीकी समावेश को देखकर लगता है कि स्वास्थ्य सेवाएं इस साल आमजन के ज्यादा नजदीक पहुंचेंगी।
स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में उम्मीदें
देश में रोगी और चिकित्सक तथा नर्स का अनुपात हो अथवा अस्पतालों तथा बिस्तरों की उपलब्धता, स्वास्थ्य बीमा, नैदानिकी, सस्ती जेनेरिक दवाओं अथवा सूदूर क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच, इन सब मामलों में आशातीत उन्नति का गवाह यह साल बनेगा। स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में इस साल डिजिटल हेल्थ में निवेश, चिकित्सा तकनीक यानी मेडी टेक के अनुप्रयोगों का विस्तार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक सर्जरी, नैदानिकी में नई मशीनें,दवा उद्योग में बहुतेरी दवाओं के पेटेंट खत्म होकर उनके सस्ते होने की प्रत्याशा, डाटा एनॉलिटिक्स तथा जीनोमिक्स इत्यादि उपरोक्त उद्देश्य की राह आसान करने वाला है। वित्त वर्ष 2025 तक स्वास्थ्य मद में व्यय सकल घरेलू उत्पाद के ढाई फीसदी तक पहुंच जाएगा। सरकार देश के स्वास्थ्य सेवा बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए 50,000 करोड़ रुपये का ऋण प्रोत्साहन कार्यक्रम इसी साल से शुरू करेगी।
अस्पताल उद्योग का संभावित विस्तार
विशेषज्ञों को उम्मीद है, अस्पताल उद्योग साल 2025 में सवा सौ अरब डॉलर छूता देखा जा सकता है। वहीं चिकित्सकीय उपकरणों का भारतीय बाजार 35 अरब डॉलर के करीब होगा। इसी तरह डायग्नॉस्टिक्स या नैदानिकी का बाजार साल 2025 में 18 अरब डॉलर के नजदीक पहुंचने की उम्मीद बेमानी नहीं है। वहीं अभी प्रति 1,000 लोगों पर दो नर्स भी नहीं हैं। हालांकि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र इस साल कुछ बढ़कर कुल 80 लाख से ज्यादा कर्मियों का बड़ा समूह बना रहेगा। भारतीय स्वास्थ्य सेवा बाजार 638 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
हेल्थकेयर इन्फ्रास्ट्रक्चर
छोटे शहरों में भी बढ़ते निवेश के चलते 2025 में हेल्थकेयर अवसंरचना में उल्लेखनीय सुधार दिखेगा। चिकित्सा शिक्षा में विस्तार के चलते एक दशक में मेडिकल कॉलेजों तथा उनमें सीटों की संख्या दो गुना बढ़ने से रोगी-चिकित्सकों का अनुपात इस साल थोड़ा सुधर जाएगा। अस्पताल के बिस्तरों की संख्या के मामले में 2025 में कुछ सुधार अवश्य दिखेगा। पिछले साल बीमारी पर लोगों का अपनी जेब से खर्च का आंकड़ा 13 सालों में सबसे कम हुआ था, वाणिज्यिक स्वास्थ्य देखभाल व्यय वृद्धि में और गिरावट की अपेक्षा इस वर्ष की जा सकती है।
चिकित्सा लागत, कारोबार
बाजार के लिए 2025 में 8 प्रतिशत व्यक्तिगत वार्षिक चिकित्सा लागत को सात फीसदी पर ला देने का अनुमान है। देश में मधुमेह, उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों की संख्या कई करोड़ों में है, सात करोड़ से अधिक लोग मोटापे के शिकार हैं। दिल के दौरे और स्ट्रोक , हृदय संबंधी विकार, कैंसर, और मधुमेह जैसे गैर संचारी रोगों की बढ़ोतरी को देखते हुए ऐसे 750 लाख लोगों को 40 हज़ार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से 2025 में मानक देखभाल मुहैया कराई जाएगी। आयुष्मान भारत योजना के तहत इस वर्ष सभी 150,000 स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों को उन्नत बनाने की प्रतिबद्धता दिखती है। रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने 2025 का जो टीकाकरण कार्यक्रम जारी किया है उसमें कोविड-19, मेनिंगोकोकल बी और हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी टीके भी हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र का ध्यान इस साल नवाचार और प्रौद्योगिकी पर अधिक केंद्रित रहने वाला है, इसलिए स्वास्थ्य देखभाल पद्धतियों, डिजिटल स्वास्थ्य साधनों में निवेश खूब बढ़ेगा। टेलीमेडिसिन का कारोबार देश में 2025 बीतते-बीतते 6 अरब डॉलर तक पहुंचेगा।
पर्सनल न्यूट्रीशन और वेलनेस उद्योग
फंक्शनल फूड और पर्सनल न्यूट्रीशन का बाजार 16 प्रतिशत चक्रवृद्धि वार्षिक से बढ़ रहा है और 2027 तक 12 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो 2025 तक संभव है कि दस अरब डॉलर के पास पहुंच जाये। फिटनेस और वेलनेस उद्योग के भी 27 फीसद की चक्रवृद्धि वार्षिक की दर से बढ़ते हुए 2025 तक 12 अरब डॉलर तक पहुंचने की पूरी उम्मीद है। ई-संजीवनी जैसे वर्चुअल डॉक्टर परामर्श के उद्यम, टेली-परामर्श सेवाएं और बढेंगी और देश के दूरदराज के हिस्सों के रोगी शहरों के प्रमुख डॉक्टरों से जुड़ेंगे। एआई-आधारित निदान और दूरस्थ स्वास्थ्य प्रबंधन जैसे विशिष्ट क्षेत्रों में इस वर्ष तीव्र विकास संभव है। नए साल में मध्य वर्ग को भी सामाजिक और निजी स्वास्थ्य बीमा के दायरे में लाया जाएगा। आशा है कि 2025 में मेक इन इंडिया के माध्यम से मेड-टेक में 80 प्रतिशत की आत्मनिर्भरता सुनिश्चित हो सकेगी।
कुष्ठ रोग मुक्त भारत!
उम्मीद है साल 2025 कुष्ठ रोग मुक्त भारत अभियान की सफलता का वर्ष बनेगा। देश को टीबी मुक्त बनाने का कठिन लक्ष्य भी सामने है। भारत में गठिया के मरीजों की संख्या 18 लाख तक पहुंच चुकी है, जिसमें हर साल डेढ़ लाख मरीज जुड़ रहे हैं। ऐसे में अर्थराइटिस मरीजों को स्वास्थ्य बीमा के दायरे में रखने की मांग ज़ोर पकड़ेगी। यहां 700 लाख मानसिक विकारों से पीड़ित लोग हैं जबकि एक लाख ऐसे रोगियों पर औसतन एक भी चिकित्सक नहीं। इस साल इस पर मनन होगा। -इ.रि.सें.