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डेंगू का लारवा ढूंढने घर-घर गये स्वास्थ्य मंत्री

10:04 AM Jun 07, 2025 IST
डेंगू का लारवा ढूंढने घर घर गये स्वास्थ्य मंत्री
मालेरकोटला के जमालपुरा में शुक्रवार को निरीक्षण करते स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलवीर सिंह। -निस
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संगरूर, 6‌ जून‌ (निस)
‘हर शुक्रवार डेंगू ते वार’ अभियान के तहत पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने आज शुक्रवार सुबह मालेरकोटला शहर का दौरा किया और मोहल्ला जमालपुरा, मदरसा अरबिया हिफजुल कुरान, नामधारी शहीदी स्मारक का दौरा किया। उन्होंने जमालपुरा मोहल्ला में घर-घर जाकर गहनता से निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने लोगों को मच्छर जनित बीमारियों, खासकर डेंगू और उसके काटने के प्रति जागरूक किया। उन्होंने मदरसा अरबिया हिफजुल कुरान जमालपुरा में विद्यार्थियों को डेंगू, चिकनगुनिया, गंदे पानी से होने वाली बीमारियों, कोविड आदि से बचाव के उपाय बताए। स्वास्थ्य मंत्री ने सिविल सर्जन डॉ. संजय गोयल और स्वास्थ्य टीमों के साथ डेजर्ट कूलर, गमले, पानी के कंटेनर, रेफ्रिजरेटर ट्रे, टंकी के पानी और पानी के भंडारण के बर्तनों में डेंगू के लार्वा पाए। अपने दौरे के दौरान उन्होंने निवासियों को मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए हर शुक्रवार को इन चीजों को साफ करने और सुखाने के महत्व के बारे में जागरूक किया। उन्होंने कहा कि ये एडीज मच्छरों के प्रजनन के लिए संवेदनशील स्थान हैं और डेंगू को रोकने के लिए नियमित सफाई जरूरी है। उन्होंने निवासियों से दिन के समय काटने वाले मच्छरों से अतिरिक्त सुरक्षा उपाय के रूप में पूरी आस्तीन की शर्ट पहनने की भी अपील की। ​​स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ‘हर शुक्रवार डेंगू से लड़ो’ अभियान का उद्देश्य लोगों में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से बचाव के लिए जागरूकता पैदा करना है। ताकि लोग सावधानी बरतें और खुद को और अपने क्षेत्र के लोगों को मच्छर जनित बीमारियों से बचाएं। अभियान के तहत राज्य स्तरीय प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 20,000 आशा (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) कार्यकर्ता हर शुक्रवार को पूरे पंजाब में सक्रिय रूप से घरों की जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक मलेरकोटला में लगभग 91 हजार घरों के सर्वेक्षण के दौरान लगभग 1 लाख 35 हजार 629 कंटेनरों की जांच की गई है, जिनमें से 89 घरों में 98 डेंगू के लार्वा पाए गए हैं। अब तक 264 डेंगू और 17 चिकनगुनिया परीक्षण किए गए हैं। कोई भी सकारात्मक मामला सामने नहीं आया है। इसके अलावा, पंजाब के हर गांव में एक स्वास्थ्य समिति का गठन किया गया है, जिन्हें डेंगू के लार्वा की पहचान करने और उसे खत्म करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती का जमीनी स्तर पर जवाब दिया जा सके।

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