बाल पाठकों को सेहत की सीख
कविता राज
बाल साहित्यकार घमंडीलाल अग्रवाल की एक और पुस्तक ‘खाओ फल, पाओ बल’ बाल कविताओं के शौकीन पाठकों के लिये बाज़ार में मौजूद है। कुल 58 अलग-अलग फलों के नाम और उनके गुणों से लेकर उनकी उत्पत्ति और पैदावार की जानकारी से लबरेज ये किताब बालमन को ही नहीं बल्कि बाल कविताओं के पाठकों के मन को मोह भी लेने वाली है। अपनी कई रचनाएं पाठ्यक्रम में शामिल करा चुके रचनाकार घमंडीलाल अग्रवाल द्वारा रचित 120 पन्नों की इस किताब में अ से अनार से लेकर श से शरीफा या शहतूत जैसे फलों में मौजूद विटामिन, आयरन और कैल्शियम जैसे तत्वों की जानकारी कविताओं के माध्यम से दी गई है।
किताब के कवर से लेकर उसके मजमून को देखकर साफ जाहिर है कि इसे स्कूल पाठ्यक्रम के लिहाज से रचा गया है। मसलन अफ्रीका से आया सिंघाड़ा एशिया के तालाबों में उगाया जाता है तो इंडोनेशिया, फिलीपींस से आये नारियल के दक्षिण भारत के प्रदेशों की पहचान बनने तक के सफर की जानकारी इन कविताओं में है। चीकू, खुबानी, स्ट्रॉबेरी से लेकर चीन से आया आडू, ड्रैगन फल, ताड़ का फल, कृष्णा फल के पत्ते, पौधे, छाल से लेकर फलों के गुणकारी उपयोग के बारे में रोचक तरीके से समझाया गया है। किस तरह चीकू जैसा फल सर्दी खांसी से लेकर से कैंसर तक से लड़ सकता है।
कविता के माध्यम से बाल पाठकों को बहुत सरलता और रोचकता के साथ समझाने की कोशिश की गई है। साहित्यकार घमंडीलाल अग्रवाल की अब तक 50 से अधिक किताबें प्रकाशित हो चुकी है। देशभर की लगभग 100 से अधिक सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएं उन्हें सम्मानित तक चुकी हैं।
पुस्तक : खाओ फल, पाओ बल रचनाकार : घमंडीलाल अग्रवाल प्रकाशक : फ्रंट पेज पब्लिशर्ज, दिल्ली पृष्ठ : 120 मूल्य : रु. 450.