Health Alert : किडनी की दुश्मन हैं गर्मी की ये 4 आम आदतें! जानिए कैसे बचें
चंडीगढ़, 9 जून (ट्रिन्यू)
Health Alert : गर्मी का मौसम न केवल त्वचा और डिहाइड्रेशन की समस्याएं लेकर आता है बल्कि यह आपकी किडनी के स्वास्थ्य पर भी गहरा प्रभाव डाल सकता है। शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने और तरल पदार्थों का संतुलन बनाए रखने में किडनी की अहम भूमिका होती है लेकिन गर्मियों में कुछ लत आदतें किडनी को नुकसान पहुंचा सकती हैं। आइए जानते हैं ऐसी 4 आदतों के बारे में जो गर्मियों में आपकी किडनी पर बुरा असर डाल सकती हैं...
पर्याप्त पानी न पीना
गर्मी में पसीने के जरिए शरीर से बहुत सारा पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स निकल जाते हैं। जब शरीर में तरल की कमी होती है तो किडनी को विषैले पदार्थों को फिल्टर करने और पेशाब के माध्यम से बाहर निकालने में कठिनाई होती है। इससे किडनी पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे किडनी डैमेज का खतरा बढ़ जाता है।
क्या होता है जब पानी कम पीते हैं?
-पेशाब की मात्रा कम हो जाती है, जिससे विषैले पदार्थ जमा हो सकते हैं।
-शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे किडनी स्टोन (गुर्दे की पथरी) बनने का खतरा होता है।
-लंबे समय तक डिहाइड्रेशन से एक्यूट किडनी फेलियर की स्थिति बन सकती है।
क्या करें?
-दिन भर में कम से कम 2.5 से 3 लीटर पानी पिएं।
- अगर आप बाहर रहते हैं या बहुत पसीना आता है, तो इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त पेय लें।
- पेशाब का रंग हल्का पीला या साफ हो, यह स्वस्थ किडनी का संकेत है।
ठंडी ड्रिंक्स और शुगर युक्त सोडा का अधिक सेवन
गर्मी में ठंडी ड्रिंक्स जैसे सोडा, कोल्ड ड्रिंक्स और फ्लेवर्ड वाटर का चलन बहुत बढ़ जाता है। हालांकि ये तात्कालिक ठंडक देती हैं, लेकिन इनका अधिक सेवन किडनी के लिए हानिकारक हो सकता है।
खतरे:
-इन ड्रिंक्स में हाई फ्रक्टोज कॉर्न सिरप और अत्यधिक चीनी होती है जो इंसुलिन रेसिस्टेंस और मोटापे को बढ़ावा देती है।
-यह स्थिति क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) के जोखिम को बढ़ा देती है।
-कुछ एनर्जी ड्रिंक्स में मौजूद कैफीन और एडिटिव्स किडनी के फ़िल्ट्रेशन सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
क्या करें?
प्राकृतिक पेय जैसे नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी का सेवन करें। साथ ही बाजार के पैक्ड जूस से बचें और घर का बना ठंडा शरबत चुनें।
बार-बार पेनकिलर्स या एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन
गर्मी के कारण थकावट, सिरदर्द या हल्का बुखार आम होता है, जिसकी वजह से लोग पेनकिलर्स का बिना डॉक्टर की सलाह के इस्तेमाल करने लगते हैं। लेकिन ये आदत किडनी के लिए खतरनाक हो सकती है।
पेनकिलर्स के दुष्प्रभाव:
नॉन-स्टीरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) जैसे आइबुप्रोफेन या डाइक्लोफेनाक का लंबे समय तक सेवन किडनी की रक्त धमनियों को संकुचित कर देता है। इससे किडनी में रक्त प्रवाह कम होता है और कार्यक्षमता घट जाती है। कुछ एंटीबायोटिक्स भी नेफ्रोटॉक्सिक हो सकते हैं यानी वे सीधे किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
क्या करें?
पेनकिलर्स या एंटीबायोटिक्स तभी लें जब डॉक्टर द्वारा लिखा गया हो। इसके अलावा हल्के दर्द में घरेलू उपायों या प्राकृतिक तरीकों से राहत पाने की कोशिश करें।
अत्यधिक प्रोटीन डाइट लेना
गर्मी में बॉडी को पचाने की शक्ति थोड़ी कम हो जाती है। इसके बावजूद जिम जाने वाले या वजन घटाने की चाहत रखने वाले कई लोग अधिक मात्रा में प्रोटीन सप्लीमेंट या हाई-प्रोटीन फूड का सेवन करते हैं।
प्रभाव:
-ज्यादा प्रोटीन को शरीर से बाहर निकालने में किडनी को ज्यादा काम करना पड़ता है।
-यह कार्यक्षमता को धीमे-धीमे प्रभावित कर सकता है, खासकर अगर पहले से किडनी संबंधी कोई समस्या हो।
-गर्मी में जब शरीर पहले ही डिहाइड्रेटेड होता है, उस पर प्रोटीन मेटाबोलिज़्म से बने नाइट्रोजन वेस्ट को बाहर निकालना और कठिन हो जाता है।
क्या करें?
-प्रोटीन की मात्रा का संतुलन रखें, खासकर गर्मियों में।
-सप्लीमेंट लेने से पहले डॉक्टर या डाइटिशियन की सलाह लें।
-हाई प्रोटीन डाइट के साथ पर्याप्त पानी ज़रूर पिएं।