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Health Advice : सावधान! हार्ट अटैक का कारण बन सकता है सर्दी का वायरस, जानिए क्या कहती है रिसर्च

12:45 PM Jun 23, 2025 IST
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मेलबर्न, 23 जून (द कन्वरसेशन)

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Health Advice : सर्दियों का मौसम आने के साथ ही ठंड के दिन और श्वसन से जुड़े विषाणुओं में अपरिहार्य मौसमी उछाल भी आता है। लेकिन हमें केवल छींकों की ही चिंता नहीं करनी चाहिए। सर्दियों के महीनों में दिल के दौरे और स्ट्रोक के मामले भी बढ़ जाते हैं। इस सप्ताह प्रकाशित नये अनुसंधान में हम एक कारण बताते हैं कि ऐसा क्यों है।

हमारे अध्ययन से पता चलता है कि आम श्वसन विषाणु से संक्रमित होने से दिल का दौरा या ‘स्ट्रोक' का अल्पकालिक जोखिम बढ़ जाता है। दूसरे शब्दों में, आम विषाणु, जैसे कि फ्लू और कोविड का कारण बनने वाले विषाणु ही ऐसी स्थिति को जन्म देते हैं। विषाणु दिल के दौरे की वजह बन सकते हैं? धूम्रपान, उच्च कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मोटापा और व्यायाम की कमी जैसे पारंपरिक जोखिम कारक दिल के दौरे और ‘स्ट्रोक' के मुख्य कारण हैं और सर्दियों में दिल के दौरे और ‘स्ट्रोक' की दरें कई कारणों से बढ़ सकती हैं।

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कम तापमान, कम शारीरिक गतिविधि, घर के अंदर ज़्यादा समय बिताना - शायद घर के अंदर वायु प्रदूषकों के कारण - जैसे कारक रक्त के थक्का जमने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं तथा पारंपरिक जोखिम कारकों के प्रभावों को बढ़ा सकते हैं लेकिन हमारे नये निष्कर्ष अन्य शोधकर्ताओं के निष्कर्षों पर आधारित हैं जो यह दिखाते हैं कि श्वसन विषाणु भी ऐसी बातों के लिए अनुकूल स्थिति पैदा कर सकते हैं।

सिद्धांत यह है कि श्वसन विषाणु संक्रमण सीधे दिल के दौरे या स्ट्रोक का कारण नहीं बनते हैं, बल्कि उसके लिए अनुकूल स्थिति को जन्म देता है। यदि पारंपरिक जोखिम कारक पेट्रोल में घर को डुबोने जैसा है, तो वायरल संक्रमण माचिस की तीली की तरह है जो आग को प्रज्ज्वलित करती है।

स्वस्थ, युवा लोगों के संदर्भ में एक नया, अच्छे रखरखाव वाले घर के स्वतःस्फूर्त रूप से आग की चपेट में आने की संभावना नहीं है। लेकिन एक पुराने या यहां तक ​​कि परित्यक्त घर में दोषपूर्ण बिजली के तार होने के कारण आग लगने के लिए बस एक चिंगारी की जरूरत होती है। वे लोग जो श्वसन विषाणु के कारण दिल के दौरे या स्ट्रोक के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील होते हैं, उनमें विशेष रूप से वृद्ध लोगों में एक से अधिक पारंपरिक जोखिम कारक होते हैं।

हमने क्या किया है और हमने क्या पाया?

हमारी टीम ने यह देखने के लिए एक मेटा-विश्लेषण (मौजूदा अध्ययनों का एक अध्ययन) किया कि कौन से श्वसन विषाणु दिल के दौरे और स्ट्रोक को ‘जन्म देने' में भूमिका निभाते हैं और इस संबंध की ताकत क्या है। इसका मतलब था 40 वर्षों के अनुसंधानों के तहत 11,000 से अधिक वैज्ञानिक पत्रों का अध्ययन करना। कुल मिलाकर, इन्फ्लूएंजा वायरस और सार्स-कोव-2 (कोविड का कारण बनने वाला वायरस) मुख्य ‘कारक' थे।

अगर आपको फ्लू हो जाता है, तो हमने पाया कि संक्रमित न होने की तुलना में दिल का दौरा पड़ने का जोखिम लगभग 5.4 गुना और स्ट्रोक का 4.7 गुना बढ़ जाता है। खतरे का दायरा छोटा है - पहले कुछ दिनों या हफ्तों के भीतर - और संक्रमित होने के बाद समय के साथ कम होता जाता है। कोविड होने से दिल का दौरा और स्ट्रोक भी हो सकता है, लेकिन यह बताने के लिए पर्याप्त अध्ययन नहीं हुए हैं कि जोखिम कितना बढ़ गया है।

नैदानिक परीक्षण से इस बात के अच्छे सबूत मिले हैं कि फ्लू का टीका दिल के दौरे या स्ट्रोक के जोखिम को कम कर सकता है, खासकर अगर किसी को पहले से ही दिल की समस्या है। हमें यह स्पष्ट नहीं है कि यह कैसे काम करता है। लेकिन सिद्धांत यह है कि आम संक्रमणों से बचने या कम गंभीर लक्षण होने पर सूजन श्रृंखला प्रतिक्रिया शुरू होने की संभावना कम हो जाती है।

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