सरकारी प्राइमरी स्कूल के मुख्याध्यापक ने छात्राओं से की छेड़छाड़, एफआईआर दर्ज
डबवाली, 9 मई (निस)
‘गुरुजनों’ का ‘अश्लील’ रवैया स्कूली शिक्षा को कलंकित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा। डबवाली के एक सरकारी प्राइमरी स्कूल के मुखाध्यापक बलवीर सिंह ने कक्षा चार व पांच की छात्राओं से कथित छेड़छाड़ की। डबवाली महिला पुलिस स्टेशन में पीड़ित छात्राओं की शिकायत पर उक्त मुखाध्यापक पर संगीन धाराओं के अधीन मुकदमा दर्ज किया गया है। शिक्षा विभाग ने मामले की गंभीरता के मद्देनज़र जांच हेतु आरोही सीनियर सैकेंडरी स्कूल कालूआना की प्रिंसिपल नीता नागपाल के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम को पड़ताल का जिम्मा सौंपा है। तीन छात्राओं के उत्पीड़न के विरुद्ध आवाज़ उठाने का हौसला दिखाया।
विभागीय जांच में छात्राओं ने बताया कि मुखाध्यापक कक्षा में उनसे बैड टच करते थे व मोबाइल गाने दिखाते थे। उक्त कृत्य को परिजनों को बताने से मना करते थे। मुख्याध्यापक की उम्र 56 वर्ष बताई जाती है, जिसके लिहाज से पीड़ित छात्राएं उनकी पौत्रियों की उम्र मानिंद हैं। बताया जाता है कि मुख्याध्यापक की कथित हरकतों की मानसिक प्रताड़ना को झेल रही छात्राओं ने गत दिनों उक्त हरकतों के बारे में परिजनों को बताया। मामला प्रकाश में आने पर बीईओ डबवाली लक्ष्मण दास ने स्वयं स्कूल का दौरा किया। बृहस्पतिवार को उक्त मुखाध्यापक ड्यूटी पर स्कूल नहीं पहुंचे।
जांच टीम द्वारा बयान लेने की कोशिश पर उनके पारिवारिक सदस्यों ने मुख्याध्यापक के बीमार होने के चलते हॉस्पिटल में दाखिल होने की बात कही। ब्लाक शिक्षा अधिकारी लक्ष्मण दास ने बताया कि मुख्याध्यापक बलवीर सिंह पिछले तीन दिन से कल तक उनकी अगुवाई वाले एफएलएन शिविर में प्रशिक्षण पर थे। घटना उसके पहले पूर्व की हो सकती है। जांच टीम गहन पड़ताल में जुटी हुई है।
जांच टीम की प्रमुख नीता नागपाल ने बताया कि बृहस्पतिवार को देर सायं तक दो छात्राओं के ही बयान लिए जा सके। दोनों छात्राओं ने मुख्याध्यापक पर कक्षा में बैड टच व मोबाइल पर गाने दिखाने के आरोप लगाये। नीता नागपाल ने कहा कि जिन छोटी बच्चियों को हम ‘कंजक’ देवी के रूप में पूजते हैं, उनसे ऐसा व्यवहार कैसे किया जा सकता है।
जिला पुलिस डबवाली के प्रवक्ता मदन लाल ने बताया कि पीड़ित छात्राओं की शिकायत पर मुख्याध्यापक बलवीर सिंह के विरुद्ध केस दर्ज किया गया है। अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। दूसरी तरफ मुखाध्यापक बलवीर सिंह का पक्ष जानने की कोशिश पर उनका मोबाइल व व्हाट्सएप नंबर लगातार बंद आ रहे थे।