हाथरस भगदड़: एसडीएम, सीओ समेत छह अफसर सस्पेंड
लखनऊ, 9 जुलाई (एजेंसी)
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस भगदड़ मामले में एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर मंगलवार को एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी समेत छह लोगों को निलंबित कर दिया। रिपोर्ट में घटना के पीछे ‘बड़ी साजिश’ से इनकार नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ के सत्संग में भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि बाबा को बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के भीड़ से मिलने की अनुमति दी गई। दुर्घटना हुई तो आयोजन समिति के सदस्य मौके से भाग गए। एसआईटी ने प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों, आम जनता और प्रत्यक्षदर्शियों समेत 125 लोगों के बयान दर्ज किए गए। भगदड़ मामले की जांच के लिए, इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में अलग से तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग भी गठित किया गया है।
गौर हाे कि कहा गया था कि सत्संग में 80,000 लोगों की अनुमति के विपरीत 2.50 लाख से अधिक लोग पहुंच गये थे। इस मामले में अब तक मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एफआईआर में स्वयंभू बाबा का नाम आरोपी के तौर पर दर्ज नहीं किया गया।
बिना निरीक्षण दी इजाजत
रिपोर्ट में कहा गया सिकंदराराऊ के उप जिलाधिकारी ने आयोजन स्थल का निरीक्षण किए बिना ही अनुमति दे दी और वरिष्ठ अधिकारियों को भी सूचित नहीं किया। उन्होंने बताया कि अधिकारी ने कार्यक्रम को गंभीरता से नहीं लिया।
आयोजकों ने छिपाए तथ्य
एसआईटी रिपोर्ट में कहा गया, ‘आयोजकों ने तथ्य छिपाए। शर्तों का पालन नहीं किया। भीड़ को आमंत्रित किया लेकिन कोई व्यवस्था नहीं की।’ इसमें कहा गया कि आयोजकों ने उचित पुलिस सत्यापन के बिना स्वयंसेवकों को काम पर रखा। इसमें कहा गया, ‘पुलिस के साथ दुर्व्यवहार हुआ। कार्यक्रम स्थल के निरीक्षण से रोकने का प्रयास किया गया।’