Hathras stampede: एसआईटी ने पूरी की जांच, रिपोर्ट सरकार को सौंपी
लखनऊ, नौ जुलाई (भाषा)
Hathras stampede: हाथरस भगदड़ मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने उत्तर प्रदेश सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
सूचना निदेशक शिशिर ने कहा, “एसआईटी ने राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।” हालांकि, उन्होंने रिपोर्ट के बारे में विस्तार से नहीं बताया।
घटना के पीछे की वजहों की जांच के लिए गठित एसआईटी में आगरा जोन की अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अनुपम कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ मंडल आयुक्त शामिल थे।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बृजेश कुमार श्रीवास्तव, सेवानिवृत्त आईपीएस हेमंत राव और सेवानिवृत्त आईपीएस भवेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक अलग न्यायिक आयोग भी हाथरस भगदड़ मामले की जांच कर रहा है।
भगदड़ के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि मामले में साजिश समेत हर पहलू की जांच की जाएगी। एडीजी कुलश्रेष्ठ ने गत पांच जुलाई को ‘पीटीआई-भाषा' को बताया था कि उन्होंने भगदड़ में साजिश के पहलू से इनकार नहीं किया है और कहा था कि घटना के लिए आयोजकों को दोषी ठहराया गया है।
पुलिस समेत सरकारी एजेंसियों ने दो जुलाई के कार्यक्रम में कुप्रबंधन के लिए अभी तक आयोजकों को ही जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि कार्यक्रम में भीड़ अनुमानित संख्या 80,000 से बढ़कर 2.50 लाख से अधिक हो गई। हालांकि, छह जुलाई को ‘स्वयंभू' बाबा के वकील ने दावा किया था कि ‘कुछ अज्ञात लोगों' द्वारा छिड़के गए ‘किसी जहरीले पदार्थ' के कारण भगदड़ मची।
भगदड़ के सिलसिले में अब तक मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मधुकर हाथरस के सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलराई गांव में दो जुलाई को स्वयंभू संत सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के ‘सत्संग' का मुख्य आयोजक और धन जुटाने वाला था।
दो जुलाई को स्थानीय सिकंदराराऊ थाने में दर्ज प्राथमिकी में भोले बाबा का नाम आरोपी के तौर पर नहीं दर्ज है। हाथरस के सिकंदराराऊ इलाके में गत दो जुलाई को प्रवचन कर्ता हरि नारायण साकार विश्व हरि उर्फ ‘भोले बाबा' के सत्संग के समापन के दौरान भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई थी।