Hathras Stampede Case: लखनऊ में न्यायिक आयोग के समक्ष पेश हुए सूरजपाल उर्फ ‘भोले बाबा'
लखनऊ, 10 अक्तूबर (भाषा)
Hathras Stampede Case: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में पिछली दो जुलाई को अपने सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले में स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ ‘भोले बाबा' घटना की जांच कर रहे न्यायिक आयोग के समक्ष बृहस्पतिवार को पेश हुआ। हालांकि, नारायण साकार हरि के नाम से भी पहचाने जाने वाले सूरजपाल का नाम हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव में दो जुलाई को भगदड़ के बाद दर्ज की गई प्राथमिकी में आरोपी के रूप में शामिल नहीं है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन जुलाई को हाथरस त्रासदी की जांच और भगदड़ के पीछे किसी साजिश की संभावना की जांच के लिए एक हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग गठित किया था।
सूरजपाल के वकील ए.पी. सिंह ने संवाददाताओं को बताया, ‘‘न्यायिक आयोग का कार्यालय यहां (लखनऊ) है और आज नारायण साकार हरि (सूरजपाल) को बयान देने के लिए यहां बुलाया गया था।'' सिंह ने कहा, ‘‘हमें उत्तर प्रदेश पुलिस, न्यायपालिका, राज्य सरकार और केंद्र पर पूरा भरोसा है। हमारे साथ न्याय होगा।''
उन्होंने कहा, ‘‘हमने वादा किया था कि जब भी कोई जांच पैनल या जांच एजेंसी नारायण साकार हरि को बुलाएगी, तो वह उपस्थित होंगे। उन्हें आज बुलाया गया था, इसलिए वह यहां आए हैं। उनसे जो भी पूछा जाएगा वह उस पर अपना बयान देंगे।''
भगदड़ कांड मामले में पुलिस ने स्वयंभू बाबा सूरजपाल के कार्यक्रम के आयोजन में शामिल 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आरोपियों में से एक मंजू यादव फिलहाल इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश से जमानत पर बाहर है। इस मामले में पंजीकृत प्राथमिकी में सूरजपाल का नाम आरोपी के रूप में दर्ज नहीं है।
पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा) और 238 (साक्ष्य मिटाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी।
हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र के फुलराई गांव में इसी साल दो जुलाई को सूरजपाल उर्फ भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के सत्संग के बाद मची भगदड़ में कुल 121 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं थीं।
पुलिस समेत सरकारी एजेंसियों ने आयोजकों पर कार्यक्रम में कुप्रबंधन का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आयोजकों ने 80 हजार लोगों के शामिल होने की बात कहकर कार्यक्रम के आयोजन की अनुमति ली थी मगर वहां ढाई लाख लोगों की भीड़ एकत्र हो गयी। हालांकि, भोले बाबा के वकील ने दावा किया है कि ‘कुछ अज्ञात लोगों' द्वारा छिड़के गए ‘किसी जहरीले पदार्थ' के कारण भगदड़ मची।