हाथरस हादसा न्यायिक आयोग ने प्रत्यक्षदर्शियों से की बात
* जरूरत हुई तो ‘भोले बाबा’ से भी पूछताछ होगी
नोएडा (उप्र), 7 जुलाई (एजेंसी)
उत्तर प्रदेश सरकार का न्यायिक आयोग हर उस व्यक्ति से बात करेगा, जिससे दो जुलाई को हाथरस में मची भगदड़ के मामले की जांच के लिए बात करना आवश्यक होगा। जांच आयोग के एक सदस्य ने रविवार को यह बात तब कही जब उनसे पूछा गया कि क्या स्वयंभू भोले बाबा से पूछताछ की जाएगी। आयोग के एक अन्य सदस्य और अध्यक्ष इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज बृजेश कुमार श्रीवास्तव ने हाथरस में पत्रकारों से कहा कि न्यायिक आयोग सार्वजनिक नोटिस जारी कर स्थानीय लोगों और इस घटना के प्रत्यक्षदर्शियों से भगदड़ के संबंध में कोई सबूत साझा करने तथा अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहेगा। श्रीवास्तव की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय दल में पूर्व आईएएस अधिकारी हेमंत राव और पूर्व आईपीएस अधिकारी भावेश कुमार भी शामिल हैं। यह पूछने पर कि क्या न्यायिक आयोग स्वयंभू बाबा से भी पूछताछ करेगा, इस पर भावेश कुमार ने कहा, ‘आयोग हर उस व्यक्ति से बात करेगा जिससे हाथरस भगदड़ मामले की जांच के लिए बात करना आवश्यक है।’
तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग ने रविवार को स्थानीय लोगों के अलावा अधिकारियों और भगदड़ के प्रत्यक्षदर्शियों से बातचीत की। इस घटना में 121 लोगों की मौत हो गई थी। यह दल शनिवार को हाथरस पहुंचा और राष्ट्रीय राजमार्ग 91 पर फुलराई गांव के पास भगदड़ स्थल का निरीक्षण किया। रविवार सुबह न्यायिक आयोग की टीम ने जिले में अलीगढ़ रोड पर स्थित पीडब्ल्यूडी अतिथि गृह पहुंचकर अपनी जांच जारी रखी।
राहुल ने सीएम योगी से की मुआवजा बढ़ाने की मांग
नयी दिल्ली (एजेंसी) : लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हाथरस में भगदड़ के पीड़ितों के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाने का आग्रह किया है। उन्होंने घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा देने की भी मांग की है। आदित्यनाथ को लिखे पत्र में राहुल ने कहा कि मुआवजा जल्द दिया जाना चाहिए और घायलों को उचित उपचार मुहैया कराया जाना चाहिए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी कि मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये मुआवजा दिया जाएगा। राहुल ने 6 जुलाई को आदित्यनाथ को लिखे अपने पत्र में कहा, ‘उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित मुआवजा अपर्याप्त है। मैं आग्रह करता हूं कि मुआवजे की राशि बढ़ाई जाए और इसे जल्द दिया जाए।’ उन्होंने कहा, ‘मैं हृदय में पीड़ा के साथ आपको यह पत्र लिख रहा हूं और मुझे पता है कि आप भी उस पीड़ा को महसूस कर रहे होंगे।’