For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

Hathras case: मुख्य आरोपी को पकड़ने के लिए अभियान शुरू, ‘बाबा' की भी तलाश

02:48 PM Jul 05, 2024 IST
hathras case  मुख्य आरोपी को पकड़ने के लिए अभियान शुरू  ‘बाबा  की भी तलाश
सूरजपाल उर्फ ​​नारायण साकार हरि उर्फ ​​भोले बाबा का मैनपुरी स्थित आश्रम का परिसर। पीटीआई फोटो
Advertisement

हाथरस (उप्र), पांच जुलाई (भाषा)

Advertisement

Surajpal alias Narayan Sakar Hari: उत्तर प्रदेश सरकार की एजेंसियों ने हाथरस में हुई भगदड़ की घटना के मुख्य आरोपी देवप्रकाश मधुकर को पकड़ने के लिए राज्य के साथ-साथ पड़ोसी राजस्थान तथा हरियाणा में तलाश शुरू कर दी है। आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि तमाम एजेंसियां ​​पूछताछ के लिए प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ ​​नारायण साकार हरि उर्फ ‘​​भोले बाबा' की भी तलाश कर रही हैं।

Advertisement

हाथरस जिले के फुलरई गांव में दो जुलाई को ‘भोले बाबा' के सत्संग के बाद मची भगदड़ में कुल 121 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें अधिकतर महिलाएं थीं।

इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में नामजद आरोपी के तौर पर सिर्फ मुख्य सेवादार मधुकर का नाम है और सूरजपाल का नाम दर्ज नहीं किया गया है।

यह प्राथमिकी हाथरस के सिकंदराराऊ पुलिस थाने में दर्ज की गई जिसमें मधुकर के अलावा ‘‘कई अज्ञात आयोजकों'' को भी आरोपी बनाया गया और मामले में अब तक छह संदिग्धों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘‘किसी को भी क्लीनचिट नहीं दी गई है। जांच जारी है और सरकारी एजेंसियां ​​फरार मुख्य आरोपी की तलाश कर रही हैं। एजेंसियां, पूछताछ के लिए प्रवचनकर्ता की भी तलाश कर रही हैं।''

अधिकारी ने यह भी बताया, ‘‘तलाशी अभियान के तहत टीम पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और राज्य के पूर्वी जिलों की खाक छान चुकी है। टीम राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों में भी तलाश कर रही है।''

इस बीच, भगदड़ की घटना की जांच को लेकर गठित विशेष कार्य दल (एसआईटी) की रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी गई है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आगरा जोन) अनुपम कुलश्रेष्ठ ने सरकार को यह रिपोर्ट सौंपी है।

अधिकारी के अनुसार, गोपनीय रिपोर्ट में हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार, पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के बयान शामिल हैं जिन्होंने भगदड़ के कारण पैदा हुई आपातकालीन स्थिति को देखा था।

पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेश की अवज्ञा), 238 (साक्ष्यों को मिटाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया था।

उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को हाथरस त्रासदी की जांच के लिए उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया था। आयोग इस पहलू से भी जांच करेगा कि यह घटना कोई ‘‘साजिश'' तो नहीं थी।

Advertisement
Tags :
Advertisement