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5 राज्यों को पानी देने वाला हथिनी कुंड बैराज असुरक्षित

03:36 PM Jun 11, 2023 IST
5 राज्यों को पानी देने वाला हथिनी कुंड बैराज असुरक्षित
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सुरेंद्र मेहता/ हप्र

यमुनानगर, 10 जून

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पांच राज्यों को पानी सप्लाई करने वाला हथिनी कुंड बैराज सुरक्षित नहीं है। इसका रिवर बेड लगातार नीचे जा रहा है, जिसे बचाने के लिए सिंचाई विभाग प्रयास कर रहा है, लेकिन इस बार इस बैराज को बचाने की दिशा में तकनीकी कारणों से यह कार्य शुरू नहीं हो पाएगा। कार्य अगले वर्ष बाढ़ आने से पहले तक पूरा किया जा सकता है।

यमुनानगर में स्थापित हथिनी कुंड बैराज से हिमाचल, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा को पानी की सप्लाई होती है। हथिनी कुंड बैराज रिवर बेड लगातार नीचे जा रहा है। जब बैराज बना था उस समय यह 329 मीटर पर था जो अब 315 मीटर हो गया है, इसी के चलते बैराज की सुरक्षा को खतरा है। इसी को लेकर सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा सीडब्ल्यूसी को इसकी मरम्मत की अनुमति के लिए लिखा गया, जिसके बाद सीडब्ल्यूसी की टीम ने यहां आकर इसके रखरखाव व बचाव के लिए उपाय बताए हैं। पिछले वर्ष हथिनी कुंड बैराज के आसपास बैराज को सुरक्षित रखने के लिए करोड़ों रुपए की लागत से ब्लॉक बनाए गए थे, लेकिन इस वर्ष हथिनी कुंड बैराज से संबंधित कोई कार्य नहीं किया जा रहा।

बाढ़ के दिनों में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली राज्यों में भारी तबाही होती है। यमुना के आसपास के कई इलाकों में भूमि कटाव होता है, फसलों को भारी नुकसान होता है। यह नुकसान कम से कम हो इसके लिए सिंचाई विभाग हर साल करोड़ों रुपए की राशि खर्च करता है। इस वर्ष अकेले यमुनानगर में 10 करोड़ की लागत से यमुना के किनारों में स्टड लगाने का कार्य किया जा रहा है, जो 30 जून तक पूरा किया जाना है, जबकि इन कार्यों को अलाट करने में इस बार काफी देरी हुई, क्योंकि इस बार सिंचाई विभाग ने ऑनलाइन प्रक्रिया की शुरुआत की है।

अधीक्षण अभियंता आरएस मित्तल का कहना है कि हालांकि टेंडर अलाट करने में देरी हुई, लेकिन इसके बावजूद 30 जून तक कार्य करने का समय निर्धारित किया गया है।

अधीक्षण अभियंता आरएस मित्तल का कहना है कि चूंकि इस बार वर्षा के बाद रिवर बेड को लेकर कार्य शुरू होना है, इसलिए कोई कार्य नहीं किया जा रहा। उन्होंने माना कि हथिनी कुंड बैराज का बेड लगातार नीचे बैठने से दिक्कत आ सकती है, लेकिन साथ ही कहा कि अभी बैराज की सुरक्षा को कोई ज्यादा खतरा नहीं है। अगले वर्ष बाढ़ आने से पहले रिवर बेड के नीचे जाने से संबंधित सभी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे।

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