हरियाणवी पैवेलियन बना हरियाणवी व्यंजन का मुख्य केन्द्र
कुरुक्षेत्र, 7 दिसंबर (हप्र)
हरियाणा प्रदेश खान-पान के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। यह वही प्रदेश है जिसके विषय में कहा जाता है ‘देशों में देश हरियाणा, जित दूध-दही का खाणा। हरियाणा की खान-पान की व्यवस्था लोक पारंपरिक तरीके से ऋतु के अनुसार होती है। हरियाणा के लोग जहां गर्मियों में ठंडा खाना खाते हैं, वहीं पर सर्दियों में गर्म खाना खाते हैं।
इसी परम्परा का निर्वहन करते हुए हरियाणा पैवेलियन में आने वाले पर्यटक हरियाणवी रसोई के माध्यम से देसी घी का चूरमा, गुड़ का हलवा, खीर, जलेबी, मीठी लस्सी, नमकीन लस्सी, देसी घी की टिक्की, दही-भल्ले, देसी घी के ड्राई फ्रूट लड्डू, देसी घी के गुलाब जामुन, तिल्ला कुल्फी, राजमा-चावल, गोल-गप्पे आदि का स्वाद चख रहे हैं। पर्यटकों को हरियाणवी खान-पान एवं स्वादिष्ट व्यंजन खूब भा रहे हैं। हरियाणा पैवेलियन में हरियाणवी लोकगीत एवं नृत्य की रंगारंग प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया।
इस अवसर पर लोक गायक डॉ. हरविन्द्र राणा द्वारा दी गई बम लहरी की सांस्कृतिक प्रस्तुति पर दर्शक झूमने लगे। जिओ गीता के प्रणेता व स्वामी ज्ञानानंद ने कहा कि गीता में समस्या का कारण एवं निवारण दोनों समाहित है। अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में सहयोगी राज्य के रूप में ओडिशा ने ब्रह्मसरोवर पर भव्य और सुंदर पैवेलियन दर्शकों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ हैं। इस पैवेलियन में उपायुक्त नेहा सिंह ने ओडिशा के व्यंजनों का स्वाद चखा। इसके अलावा स्टॉलों का अवलोकन भी किया।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में पूजा मॉडर्न पब्लिक स्कूल के कक्षा छठी के छात्र सूरज पाल ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
इस प्रतियोगिता का विषय: वेस्ट टू वेल्थ (कचरे से धन) यह प्रतियोगिता ब्रह्मसरोवर, कुरुक्षेत्र में करवाई गई। स्कूल की प्रिंसिपल शशि पंवार ने बच्चों की इस उपलब्धि पर बधाई दी।